सर्दियों के मौसम में सता सकती है डप्थिीरिया

सर्दियों के मौसम में सता सकती है डिप्थीरियाडॉ सीमा शाह, होमियोपैथिकडिप्थीरिया बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होने वाली बीमारी है. यह बीमारी एक से 15 साल तक के बच्चों में अधिक होती है. यह रोग गले व टॉन्सिल को प्रभावित करता है. बीमारी कोराइन बैक्टीरियम डिपथीरी नामक जीवाणु के कारण होती है. यह एक रोगी से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2015 7:01 PM

सर्दियों के मौसम में सता सकती है डिप्थीरियाडॉ सीमा शाह, होमियोपैथिकडिप्थीरिया बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होने वाली बीमारी है. यह बीमारी एक से 15 साल तक के बच्चों में अधिक होती है. यह रोग गले व टॉन्सिल को प्रभावित करता है. बीमारी कोराइन बैक्टीरियम डिपथीरी नामक जीवाणु के कारण होती है. यह एक रोगी से दूसरे व्यक्ति में फैलती है. छींकने, खांसने, संक्रमण युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से भी बीमारी फैलती है. शरीर के अलग-अलग हिस्सों में डिप्थीरिया हो सकती है. सर्दियों के मौसम में इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है. यह बीमारी उन बच्चों में ज्यादा होती है, जो हाइजीन मेनटेन नहीं रखते हैं. बीमारी होने से मरीज को बुखार हो जाता है. असहज महसूस करता है, कमजोरी व थकावट होती है. शरीर में पीलापन आ जाता है. ऐसे लक्षण होने पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. डिप्थीरिया की बीमारी में सबसे सामान्य पैरेंगल डिप्थीरिया है. इसके होने से कान के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है. बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि प्रॉपर हाइजीन को मेनटेन रखा जाये. बीमारी से ग्रसित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखी जाये. होमियोपैथिक में भी इस बीमारी का कारगर इलाज है. बीमारी : डिप्थीरिया. लक्षण : बुखार, असहज महसूस करना, कमजोरी, थकावट, शरीर में पीलापन, उल्टी का अहसास. बचाव : प्रॉपर हाइजीन मेनटेन रखें, बीमारी से ग्रसित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें.

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