एसआइटी में बहाल होंगे अनुभवी भू-राजस्व के जानकार
एसआइटी में बहाल होंगे अनुभवी भू-राजस्व के जानकार संवाददाता, जमशेदपुर विशेष जांच दल (एसआइटी ) में भू राजस्व के जानकार बहाल किये जायेंगे. एसआइटी के सचिव धर्मेंद्र पांडेय ने राज्य के सभी जिलों के डीसी को पत्र लिख भू राजस्व संबंधी एवं सरकारी तथा अनुसूचित जनजातियों की भूमि के अवैध हस्तांतरण मामलों के तीन जानकार […]
एसआइटी में बहाल होंगे अनुभवी भू-राजस्व के जानकार संवाददाता, जमशेदपुर विशेष जांच दल (एसआइटी ) में भू राजस्व के जानकार बहाल किये जायेंगे. एसआइटी के सचिव धर्मेंद्र पांडेय ने राज्य के सभी जिलों के डीसी को पत्र लिख भू राजस्व संबंधी एवं सरकारी तथा अनुसूचित जनजातियों की भूमि के अवैध हस्तांतरण मामलों के तीन जानकार एवं अनुभवी व्यक्ति का चयन कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगा है. आदिवासी भूमि के अवैध हस्तांतरण की शिकायत झारखंड के आदिवासियों की भूमि की सुरक्षा का विशेष प्रावधान 9 वीं अनुसूची के तहत है. छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 एवं संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम 1949 बी अनुसूची के अंतर्गत संरक्षित है. सीएनटी एक्ट एवं एसपीटी एक्ट के तहत अादिवासी भूमि की सुरक्षा हेतु व्यापक प्रावधान किये गये हैं. सीएनटी एक्ट की धारा 71 ए के द्वारा अवैध हस्तांतरित भूमि वास्तविक मूल रैयत को वापसी का प्रावधान है. उक्त प्रावधान के बाद भी आदिवासी भूमि का अवैध रूप से हस्तांतरण की शिकायत मिल रही है. कई ऐसे मामले आये हैं, जिसमें सरकारी भूमि को पंजी 11 में हेराफेरी कर रैयती दर्ज कर अवैध रूप से जमाबंदी कायम कर दी गयी है.