भगवद्भक्ति में बाधक बन जाता है मोह

भगवद्भक्ति में बाधक बन जाता है मोह (फोटो मनमोहन की होगी)साकची श्री राधा गोविंद मंदिर में भागवत कथा का तीसरा दिन, बोले सीताराम दासलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरसाकची फ्लोर मिल एरिया स्थित श्री राधा गोविंद मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन शुक्रवार को जड़ भरत चरित की कथा का प्रसंग आया. वृंदावन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2015 11:51 PM

भगवद्भक्ति में बाधक बन जाता है मोह (फोटो मनमोहन की होगी)साकची श्री राधा गोविंद मंदिर में भागवत कथा का तीसरा दिन, बोले सीताराम दासलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरसाकची फ्लोर मिल एरिया स्थित श्री राधा गोविंद मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन शुक्रवार को जड़ भरत चरित की कथा का प्रसंग आया. वृंदावन से आये प्रवचनकर्ता आचार्य सीताराम दास जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हए कहा कि संसार में किसी से मोह नहीं करना चाहिए. उन्होंने इसी क्रम में जड़ भरत की कथा सुनाते हुए कहा कि ऋषभ देव के पुत्र भरत पूरे जीवन संन्यस्त बने रहे. जीवन के अंतिम दिनों में पानी में डूबते हिरण को बचाने के बाद उसके मोह में बंध गये. उनकी भगवद्भक्ति जारी रही, किन्तु उसमें भी मृग का ध्यान रहा. इसका फल यह हुआ कि अगले जन्म में उन्हें मृग योनि प्राप्त हुई. यद्यपि मृग योनि में भी उन्हें आत्मज्ञान रहा तथा वहां भी वे भगवद्भजन करते रहे. इसके फलस्वरूप उनका अगला जन्म ब्राह्मण कुल में हुआ, जहां भी उनका नाम भरत ही पड़ा. पर अपने जीवन यापन के लिए कुछ न करने के कारण उनका नाम जड़ भरत पड़ गया. इस योनि में उन्होंने रहुगण को ज्ञान देकर उन्हें मोक्ष दिलाया. श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के आयोजन में मंदिर कमेटी के पदाधिकारी एवं सदस्य अहम भूमिका निभा रहे हैं.

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