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सात ट्रक आलू कहां गया

जमशेदपुर : बाजार समिति के अधिकारियों की मिलीभगत से आलू-प्याज के कारोबारी कालाबाजारी कर रहे हैं. समिति के अधिकारी पिछले एक माह से छापेमारी नहीं कर रहे हैं. आवक कम होने व अधिकारियों की सुस्ती से खुदरा दुकानदारों का मनोबल बढ़ गया है. मंडी से आलू-प्याज कम दर पर उठाने के बावजूद मनमाने दाम पर […]

जमशेदपुर : बाजार समिति के अधिकारियों की मिलीभगत से आलू-प्याज के कारोबारी कालाबाजारी कर रहे हैं. समिति के अधिकारी पिछले एक माह से छापेमारी नहीं कर रहे हैं.

आवक कम होने व अधिकारियों की सुस्ती से खुदरा दुकानदारों का मनोबल बढ़ गया है. मंडी से आलू-प्याज कम दर पर उठाने के बावजूद मनमाने दाम पर बेच रहे हैं. सोमवार को थोक आलू की कीमत 18-21 रुपये और प्याज 40-45 रुपये क्विंटल बिका. जबकि खुदरा में आलू 28-30 रुपये और प्याज 50-60 रुपये प्रति किलो बिका. इधर समिति के सचिव का कहना है कि बाजार में आलू-प्याज नहीं उतर रहा है. वहीं थोक कारोबारी कहते हैं कि धड़ल्ले से बाहर कालाबाजारी हो रही है. साकची, मानगो, गोलमुरी, टेल्को, स्टेशन, बागबेड़ा में रोजाना आलू-प्याज उतर रहा है.

आवक काफी कम: शहर में आलू-प्याज की जितनी खपत है. उसकी तुलना में काफी कम आलू-प्याज आ रहा है. 1 से 10 नवंबर तक 2038 क्विंटल आलू एवं 1082 क्विंटल प्याज मंडी पहुंचा. में आया.

बाजार में छापामारी नहीं: मंडी से बाहर पिछले एक माह से छापेमारी नहीं हो रही है. पहले रोजाना दो-चार ट्रक अनाज, आलू-प्याज की गाड़ी को पकड़ा जाता था. उससे पांच गुणा टैक्स वसूला जाता था. इससे व्यापारियों में खौफ था. मंडी सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि अभी कॉ-कंट्रोल अभियान चल रहा है. बाजार में कोई माल उतारता है, तो पड़ोसी दूरभाष पर जानकारी देते हैं. इससे माल पकड़ा जाता है.

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