गाड़ियों पर रोक का स्वागत, रात आठ बजे इंट्री बंद का विरोध

गाड़ियों पर रोक का स्वागत, रात आठ बजे इंट्री बंद का विरोध- शहर के मजदूरों के लिए आनंद का एकमात्र स्थान है जुबिली पार्क – शाम छह बजे के पहले नहीं होती है छुट्टी, कई कंपनियों के मजदूर हो जायेंगे वंचितविरोध का कारण 1. टाटा स्टील, टाटा मोटर्स सहित अनुषंगी व सहायक छोटी-बड़ी कंपनियों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2015 10:03 PM

गाड़ियों पर रोक का स्वागत, रात आठ बजे इंट्री बंद का विरोध- शहर के मजदूरों के लिए आनंद का एकमात्र स्थान है जुबिली पार्क – शाम छह बजे के पहले नहीं होती है छुट्टी, कई कंपनियों के मजदूर हो जायेंगे वंचितविरोध का कारण 1. टाटा स्टील, टाटा मोटर्स सहित अनुषंगी व सहायक छोटी-बड़ी कंपनियों में शाम छह बजे तक काम होता है. अब ये लोग जुबिली पार्क में परिवार के साथ कैसे जायेंगे2. दुकानदार अपनी दुकानें बंद करने के बाद परिवार के साथ तफरीह के लिए पार्क जाते थे, अब कैसे जायेंगे3. रात आठ बजे शहर के लोग सक्रिय होते हैं. ऐसे समय में पार्क बंद हो जायेगा तो लोग आना-जाना कैसेकरेंगेवरीय संवाददाता, जमशेदपुरजुबिली पार्क के नियमों में हो रहे बदलाव का विरोध शुरू हो गया है. हालांकि पार्क में गाड़ियों की आवाजाही पर पाबंदी का स्वागत किया गया है. रात आठ बजे के बाद पार्क बंद करने का कई सामाजिक संगठनों ने विरोध किया है. पिकनिक स्पॉट की बुकिंग बंद करने पर भी सवाल उठने लगे हैं. दरअसल, रात आठ बजे समय तय हो जाने से मजदूरों के इस शहर में मजदूरों का एकमात्र मनोरंजन का साधन छिन जायेगा. यह तुगलकी फरमानहमलोग पढ़ाई के बाद समय निकालकर घूमने जाते हैं. रात आठ बजे ही पार्क बंद कर दिया जायेगा, तो लोग कैसे घूम सकेंगे. यह तुगलकी फरमान है. -मोहम्मद इमरानसभी वर्ग को नुकसानइससे सबको नुकसान है. शाम छह बजे के बाद ज्यादातर लोग पार्क में जाते हैं. ऐसे में उन्हें दो घंटे का समय ही मिलेगा. लोगों के घूमने को समय में बांधना गलत है. -आफताब आलमआम लोगों पर पड़ेगा असरसमय में बदलाव से पार्क में अश्लील हरकत करने वाले प्रेमी युगलों पर रोक लगेगी. हालांकि आम लोगों को इससे जरूर परेशानी होगी. -सिद्धनाथ गुप्तायह सब किसके फायदे के लिए पिकनिक लोग पार्क में ही मनायेंगे. यह किसके फायदे के लिए किया जा रहा है, यह समझ नहीं आ रहा है. यह राजशाही तंत्र है. -चंद्रावतीसबको लेकर चलने वाला फैसला नहीं यह फैसला सबको लेकर चलने वाला नहीं है. इसपर जुस्को व टाटा स्टील को पुनर्विचार करना चाहिए. जिला प्रशासन को भी फैसला लेना चाहिये. -शिवानी \\\\B

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