जमशेदपुर: उम्र है 13 साल, लेकिन विजन है बड़ा. देश को पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति दिलाना और इसके प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना. लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए पेंटिंग का सहारा. पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है जमशेदपुर के लोयोला स्कूल की आठवीं के छात्र देवजीत चौधरी ने.
इसकी लगन और सोच से टाटा ग्रुप के चेयरमैन सायरस मिस्त्री भी प्रभावित हो चुके हैं. वह 13 साल की उम्र में ही कागज के साथ-साथ अब दीवारों पर भी पेंटिंग कर रहा है. देवजीत ने मंगलवार को रांची में दामोदर घाटी निगम की ओर से आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में भी पूरे राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया. इस प्रतियोगिता में झारखंड के एक लाख पैंसठ हजार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था.
बनना चाहता है डॉक्टर
भविष्य में उसे क्या बनना है, इस पर देवजीत ने कहा कि मैं भले अच्छी पेंटिंग कर लेता हूं, लेकिन मुङो डॉक्टर बनना है. वह कहता है, पेंटर को सम्मान तो बहुत मिलता है, लेकिन फ्यूचर ज्यादा ब्राइट नहीं दिखता.
चार साल की उम्र में ही थामी थी कूची
देवजीत की मम्मी शांता चौधरी ने प्रभात खबर को बताया कि चार साल की उम्र में ही उसे राजा बनर्जी के पास पेंटिंग सीखने के लिए भेजा था. उस वक्त पता नहीं था कि बेटा इस फील्ड में इतना आगे बढ़ेगा. पिछले नौ साल से वह पेंटिंग सीख रहा है. अब तक राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 20 अवार्ड जीत चुका है. देवजीत के पिता अजीत कुमार चौधरी टाटा मोटर्स के अधिकारी हैं.