कोई झूठे वायदे नहीं, पहल करे तो बात बने… (संपादित)

कोई झूठे वायदे नहीं, पहल करे तो बात बने… (संपादित)कोट- मतदाताओं का कोट नाम से व क्षेत्र का फोटो जिला परिषद 9 नाम से प्रभात खबर की टीम ने किया जिला परिषद क्षेत्र-9 का दौरा, सुनी ग्रामीणों की व्यथा, ग्रामीणों ने कहा-क्षेत्र में पानी व बिजली है सबसे बड़ी समस्या, इस चुनाव में समाधान की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2015 8:36 PM

कोई झूठे वायदे नहीं, पहल करे तो बात बने… (संपादित)कोट- मतदाताओं का कोट नाम से व क्षेत्र का फोटो जिला परिषद 9 नाम से प्रभात खबर की टीम ने किया जिला परिषद क्षेत्र-9 का दौरा, सुनी ग्रामीणों की व्यथा, ग्रामीणों ने कहा-क्षेत्र में पानी व बिजली है सबसे बड़ी समस्या, इस चुनाव में समाधान की आस जमशेदपुर. जिला परिषद क्षेत्र-9 की सीट से 19 प्रत्याशी इस बार चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इस परिषद क्षेत्र के अंतर्गत परसुडीह, करनडीह व हरहरगुट्टू क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए पानी व बिजली मुख्य समस्या है. परसुडीह क्षेत्र के प्रमथनगर को पहले से ही ड्रा जोन के रूप में चिह्नित किया जा चुका है. यहां गरमी आते ही जल स्तर पाताल में चला जाता है. आलम यह है कि इस क्षेत्र में 1000 फीट में भी पानी नहीं मिलता है. जिसके चलते गरमी के दिनों में इलाकाई लोग अपना बसेरा बदलने तक को मजबूर हो जाते हैं. सोमवार को प्रभात खबर की टीम ने क्षेत्र का दौरा किया और लोगों की समस्याएं सुनीं. चुनाव से पूर्व होती है मुंहदेखी राजनीति लोगों ने बताया कि हर बार चुनाव से पूर्व पानी की समस्या को लेकर काफी राजनीति होती है, झूठे वायदे किय जाते हैं, पर चुनाव के बाद पहल के नाम पर सभी प्रत्याशी मुंह फेर लेते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि हमें झूठे वायदे नहीं, बल्कि समाधान के लिए पहल की आस है. ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में बारिश के दिनों में सड़कें पानी से ढक जाती हैं, नालियां भी गायब हो चुकी हैं, जिससे वर्षा जल बह कर बरबाद हो चुका है. ऐसे में बीमारी का प्रकोप भी बढ़ जाता है. जबकि अगर इस वर्षा जल के संरक्षण का प्रयास किया जाये तो क्षेत्र की पानी की समस्या को दूर किया जा सकता है. इसके अलावा क्षेत्र में सफाई की समुचित व्यवस्था न होने से हर महावारी का प्रकोप बना रहता है. बेडाढीपा-सोमायझोपडी क्षेत्र के लोगों को तो हरसाल इस दंश को झेलना पड़ता है.क्या कहते हैं मतदातासड़क व नाली की समस्या झेल लेते हैं, लेकिन पेयजल की समस्या से निजात पाना मुश्किल हो जाता है़ -सत्यजीत राहाक्षेत्र में जल संकट गहराता जा रहा है. पहले सिर्फ गरमी में दिक्कत होती थी, पर अब तो यह सालों भर की समस्या बन गयी है. -राजेंद्र नागसड़कें इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि दो पहिया तो दूर पैदल तक चलना मुश्किल हो गया है. मरम्मतीकरण बेहद जरूरी है. -मदन रायजनप्रतिनिधियों को सर्वप्रथम बिजली व पानी की समस्या का समाधान निकालना चाहिए. क्योंकि जनता इन्ही समस्याओं से सर्वाधिक त्रस्त है. -नेपा गागराई

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