इंटर के बाद बनें पायलट
इंटर के बाद बनें पायलट पायलट बनने के लिए आपको कई तरह की ट्रेनिंग और परीक्षा से गुजरना होता है. इसके लिए न्यूनतम योग्यता मैथ्स साइंस से इंटरमीडिएट है. जीके, जीएस संबंधी छोटा सा टेस्ट देने के बाद इसमें दाखिला मिल जाता है. पहले स्टूडेंट की पायलट लाइसेंस (एसपीएल) के लिए डेढ़ से दो महीने […]
इंटर के बाद बनें पायलट पायलट बनने के लिए आपको कई तरह की ट्रेनिंग और परीक्षा से गुजरना होता है. इसके लिए न्यूनतम योग्यता मैथ्स साइंस से इंटरमीडिएट है. जीके, जीएस संबंधी छोटा सा टेस्ट देने के बाद इसमें दाखिला मिल जाता है. पहले स्टूडेंट की पायलट लाइसेंस (एसपीएल) के लिए डेढ़ से दो महीने की ग्राउंड क्लास होती है. इस दौरान नेविगेशन, मेट्रोलॉजी, एयर रेगुलेशन, टेक्निकल, स्पेसफिक व आरटीआर संबंधी बेसिक जानकारी भी दी जाती है. एयर से कम्यूनिकेशन भी बताया जाता है. इसके बाद डीजीसीए ऑफिसर और दो पायलट मिलकर एग्जाम लेते हैं. मेडिकल चेकअप आदि के बाद आपको फ्लाइंग के योग्य मान लिया जाता है तो, फ्लाइंग ट्रेनिंग शुरू हो जाती है. यह 200 घंटे की क्लास होती है. इसे काॅमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) कोर्स कहा जाता है. इसके साथ अापको नेविगेशन, मेट्रोलॉजी, एयर रेगुलेशन, टेक्निकल, स्पेसफिक व आरटीआर की परीक्षा से भी गुजरना होता है. यह परीक्षा डीजीसीए भारत सरकार लेती है. आरटीआर संचार विभाग द्वारा कंडक्ट किया जाता है. सीपीएल कोर्स और इन छह परीक्षा को क्लीयर करने के बाद प्रतिभागी को कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए दिल्ली भेजा जाता है. यह लाइसेंस डीजीसीए, भारत सरकार द्वारा दिया जाता है. -कैप्टन संजीव झा, पायलट