इसलाम में महिलाओं को बराबरी का दरजा (जेबा खान)

इसलाम में महिलाआें काे बराबरी का दरजा (जेबा खान)- माैलाना के महिला विराेधी बयान पर भड़की जेबा खानउपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर महिलाआें के हक में आवाज उठानेवाली समाजसेवी जेबा खान ने सुन्नी माैलाना के बयान कि निंदा की है. उन्होंने कहा कि इसलाम धर्म में अल्लाह तबारक आे ताला ने महिलाआें का दरजा पुरुषों के बराबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2015 7:16 PM

इसलाम में महिलाआें काे बराबरी का दरजा (जेबा खान)- माैलाना के महिला विराेधी बयान पर भड़की जेबा खानउपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर महिलाआें के हक में आवाज उठानेवाली समाजसेवी जेबा खान ने सुन्नी माैलाना के बयान कि निंदा की है. उन्होंने कहा कि इसलाम धर्म में अल्लाह तबारक आे ताला ने महिलाआें का दरजा पुरुषों के बराबर दिया है. इसलाम में बेटाें से ज्यादा बेटियाें काे सम्मान-प्यार दिया जाता है. ऐसे में काेई माैलाना मुसलिम महिलाआें काे बच्चे पैदा करने अाैर खाना बनाने की जिम्मेदारी तक सीमित रखने की बात कहते हैं, ताे यह शर्मनाक है. इस तरह का बयान देनेवाले माैलानाआें से न ताे काैम का भला हाेगा आैर न ही समाज का. माैलाना काे मालूम हाेना चाहिए कि बच्चे की पहली पाठशाला मां की गाेद हाेती है. आैरत घर के साथ देश भी चला रही हैं. जब-जब समाज व देश काे जरूरत पड़ी है, तब-तब मर्दाें के साथ कदम से कदम मिलाकर महिआआें ने बहादुरी आैर बुद्धिमता का परिचय दिया है. चाहे वह रजिया सुल्तान, झांसी की रानी, मदर टेरेसा या इंदिरा गांधी ही क्याें न हाे.

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