बागबेड़ा जलापूर्ति : गदड़ा में बाउंड्री नर्मिाण शुरू

बागबेड़ा जलापूर्ति : गदड़ा में बाउंड्री निर्माण शुरू- छोटागोविंदपुर जलापूर्ति में जमीन पर काम शुरू करने में तकनीकी पेंचवरीय संवाददाता, जमशेदपुरबागबेडा जलापूर्ति के लिए गदड़ा में साफ-सफाई कर बुधवार को बाउंड्रीवाल का निर्माण शुरू किया गया. यहां जलमीनार बनायी जायेगी. जलापूर्ति के लिए फिल्टर प्लांट सहित पांच जलमीनार बनायी जानी है. वहीं छोटागोविंदपुर जलापूर्ति योजना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2015 9:43 PM

बागबेड़ा जलापूर्ति : गदड़ा में बाउंड्री निर्माण शुरू- छोटागोविंदपुर जलापूर्ति में जमीन पर काम शुरू करने में तकनीकी पेंचवरीय संवाददाता, जमशेदपुरबागबेडा जलापूर्ति के लिए गदड़ा में साफ-सफाई कर बुधवार को बाउंड्रीवाल का निर्माण शुरू किया गया. यहां जलमीनार बनायी जायेगी. जलापूर्ति के लिए फिल्टर प्लांट सहित पांच जलमीनार बनायी जानी है. वहीं छोटागोविंदपुर जलापूर्ति योजना में हुंडको के समीप फिल्टर प्लांट सहित पांच जलमीनार बनायी जायेगी. हुंडको के समीप जिस जमीन का चयन फिल्टर प्लांट के लिए किया गया है, वह टाटा मोटर्स (टाटा लीज) का है. इस कारण वहां जमीन पर निर्माण शुरू करने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने जमशेदपुर के डीसी डॉ अमिताभ कौशल के पास एक प्रस्ताव भेजा है. डीसी से एनओसी के बाद ही यहां निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा.बागबेड़ा जलापूर्ति में देरी होना तय!- शिलान्यास के आठ माह बाद फिर एक बड़ा बदलाब होगा? – विश्व बैंक की तकनीकी टीम लेगी अंतिम फैसलावरीय संवाददाता, जमशेदपुरबागबेड़ा जलापूर्ति शुरू होने में देरी होना तय है. दो वर्ष में पूरी होने वाली योजना के शिलान्यास के करीब आठ माह बाद बियर अौर इंटकेवेल का स्थल बदलने का एक मामला प्रकाश में आया है. पहले दोमुहानी में पानी की नियमित उपलब्धता देखकर बियर अौर इंटकेवेल बनाने की योजना थी, लेकिन अब उसमें बदलाव कर राधा स्वामी मंदिर के समीप खरकई नदी में बियर अौर इंटकबेल बनाने के लिए स्थल बदलने की संभावना है. ऐसा होने पर करीब 8-10 किलोमीटर राइजर पाइप कम बिछाना पड़ेगा. वहीं दोमुहानी से घाघीडीह फिल्टर प्लांट तक करीब 18 किलोटमीर राइजर पाइप बिछाये जाने की योजना थी. हालांकि नये संभावित स्थल को लेकर विश्व बैंक की टीम के अधीक्षण अभियंता यमुना राम ने स्थल का निरीक्षण किया है. उनकी रिपोर्ट के बाद विश्व बैंक की तकनीकी टीम भौतिक सत्यापन करेगी फिर नये स्थल को फाइनल किया जायेगा.

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