चाकुलिया एयरपोर्ट शुरू करेगी सरकार

जमशेदपुर : अगर सबकुछ ठीक रहा तो जमशेदपुर को जल्द ही एयरपोर्ट मिल जायेगा. इसके लिए सांसद विद्युत वरण महतो के पत्र पर केंद्र सरकार ने पहल की है. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इस्तेमाल किये गये चाकुलिया एयरपोर्ट को नये सिरे से शुरू करने के प्रति केंद्र सरकार गंभीर है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने डीजीसीए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2015 8:48 AM
जमशेदपुर : अगर सबकुछ ठीक रहा तो जमशेदपुर को जल्द ही एयरपोर्ट मिल जायेगा. इसके लिए सांसद विद्युत वरण महतो के पत्र पर केंद्र सरकार ने पहल की है. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इस्तेमाल किये गये चाकुलिया एयरपोर्ट को नये सिरे से शुरू करने के प्रति केंद्र सरकार गंभीर है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने डीजीसीए को इसकी फिजिबिलिटी (व्यवहारता) रिपोर्ट तलब की है. इसके लिए जल्द ही डीजीसीए की टीम जांच के लिए आयेगी.

टीम चाकुलिया एयरपोर्ट शुरू करने की संभावनाओं की तलाश करेगी. ज्ञात हो कि जमशेदपुर में एयरपोर्ट के लिए सांसद विद्युत वरण महतो ने आवाज उठायी थी. उन्होंने केंद्र सरकार से चाकुलिया एयरपोर्ट को विकसित कर शुरू करने की मांग रखी थी. इसके बाद केंद्र सरकार ने इस दिशा में पहल की है. शहर के औद्योगिक संगठन काफी दिनों से एयरपोर्ट की मांग करते आ रहे हैं. चूंकि जमशेदपुर को राज्य का औद्योगिक राजधानी कहा जाता है. इस कारण यहां एयरपोर्ट बेहद जरूरी है.

द्वितीय विश्वयुद्ध में बना था एयरफील्ड
चाकुलिया स्थित एयरफील्ड द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान तैयार किया गया था. ब्रिटिश कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार दिगर प्रमथ नाथ मोहंती ने 1942 में तैयार करवाया था. इसका इस्तेमाल जापान से आने वाले उपकरणों को चीन में सप्लाइ के लिए किया जाता था. यहां बर्मा (म्यांमार) के माध्यम से सामान पहुंचता था. 30 दिसंबर 1942 को पहली बार बमबार्डमेंट ग्रुप ने यहां एयरफोर्स का विमान उतारा था. 1944 में 341वां बंब ग्रुप चीन शिफ्ट कर गया. इसके बाद एयरफील्ड का नाम बी 29 सुपरफोरटरस बेस रखा गया. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इस एयरफील्ड का इस्तेमाल एयरफोर्स करती थी. बाद में यह बंद हो गया. वर्तमान में यह एयरपोर्ट वीरान पड़ा हुआ है.
शहर में एयरपोर्ट के पक्ष में नहीं टाटा स्टील
टाटा स्टील ने गम्हरिया में एयरपोर्ट बनाने की तैयारी की थी, लेकिन जमीन विवाद के बाद कंपनी ने प्रस्ताव को ड्रॉप कर दिया. टाटा स्टील का तर्क है कि जमशेदपुर से रांची की दूरी काफी कम है. इस कारण रांची एयरपोर्ट ही ज्यादा कारगर होगा. नये सिरे से एयरपोर्ट बनाना सही नहीं होगा.

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