एनपीसीसी से छीनी गयीं जिले की 118 ग्रामीण सड़कें
एनपीसीसी से छीनी गयीं जिले की 118 ग्रामीण सड़केंफ्लैग ::: आरइअो को योजना अपने हाथों में लेने का निर्देश-पूरे राज्य में एनपीसीसी के कार्य पर उठ रहे सवाल के बाद राज्य स्तर से लिया गया निर्णयवरीय संवाददाता, जमशेदपुर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमएजीएसवाइ) की कार्यवाहक एजेंसी एनपीसीसी की कार्यशैली पर विधानसभा व लोकसभा में सवाल […]
एनपीसीसी से छीनी गयीं जिले की 118 ग्रामीण सड़केंफ्लैग ::: आरइअो को योजना अपने हाथों में लेने का निर्देश-पूरे राज्य में एनपीसीसी के कार्य पर उठ रहे सवाल के बाद राज्य स्तर से लिया गया निर्णयवरीय संवाददाता, जमशेदपुर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमएजीएसवाइ) की कार्यवाहक एजेंसी एनपीसीसी की कार्यशैली पर विधानसभा व लोकसभा में सवाल उठने के बाद सरकार ने जिले की 118 सड़क की योजना एनपीसीसी से लेने का निर्णय लिया है. सरकार द्वारा ग्रामीण कार्य विभाग (आरइअो) को पूर्वी सिंहभूम जिले की 118 सड़कों को जांचोपरांत एनसीपीसी से लेने का निर्देश दिया गया है. आरइअो ने सरकार को रिपोर्ट भेज कर राशि व निर्माण की पूरी रिपोर्ट मिलने व एनपीसीसी का स्वामित्व पूरी तरह से समाप्त होने पर ही योजना लेने की बात कही है. हर स्तर पर एनपीसीसी के कार्य पर उठती रही हैं उंगली, सीबीआइ जांच की भी हो चुकी है अनुशंसाएनपीसीसी द्वारा तय समय में काम पूरा नहीं करने, काम अधूरा छोड़ देने आदि को लेकर जिला से लेकर राज्य स्तर पर कई जांच कमेटी गठित हो चुकी हैं अौर जांच हो चुकी है. साथ ही संवेदकों को काली सूची में डालने की भी कई बार अनुशंसा हो चुकी है. विधानसभा में सवाल उठने के बाद विधायकों की जांच कमेटी भी बनायी गयी थी अौर जांच कमेटी ने गड़बड़ी की पुष्टि करते हुए एनपीसीसी के कार्य की सीबीआइ जांच की अनुशंसा की थी. वर्जन :-पीएमजीएसवाइ की जिले की 118 सड़कें जांचोपरांत एनपीसीसी से लेने का प्रस्ताव विभाग से प्राप्त हुआ है. विभाग द्वारा सरकार को रिपोर्ट भेज दी गयी है कि अधूरी स्थिति में सड़कें नहीं ली जा सकतीं. अगर एनपीसीसी सभी सड़कों को क्लोज कर दे तो उसे लेने पर विचार किया जा सकता है. -संदीप कुमार राय, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग.एनपीसीसी की 353 में 216 योजनाएं अधूरी वर्ष 2010-11 से लेकर 2014-15 तक एनपीसीसी को 94 पैकेज में 1017.91 किमी लंबी 353 ग्रामीण सड़क की योजनायें दी गयी थी. इसके लिए 32663. 25 लाख रुपये प्राक्कलित राशि तय थी. एनपीसीसी द्वारा अब तक मात्र 137 सड़क ही पूरी की गयी और 17554. 72 लाख राशि खर्च की गयी, जबकि 216 योजनायें अधूरी पड़ी हुई हैं. वर्ष 2010-11 की भी 6 सड़कें अभी तक अधूरी पड़ी हैं. एनपीसीसी की तुलना में पीएमजीएसवाइ की एक अन्य एजेंसी ग्रामीण कार्य विभाग (आरइअो) का काम काफी बेहतर माना गया है. वर्ष 2000-01 से 2012-13 तक आरइअो को 57 पैकेज में 125 सड़कें निर्माण के लिए दी गयी थीं. जिसकी लंबाई 569.609 अौर प्राक्कलित राशि 16317.770 लाख रुपये थी. आरइअो द्वारा 12755.333 लाख रुपये खर्च कर 110 सड़क निर्माण को पूरा किया जा चुका है, जिसकी लंबाई 496.417 किमी है. एसीए, पीएमजीएसवाइ में पैसे नहीं, बीआरजीएफ हो चुका है बंद जमशेदपुर. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही अतिरिक्त केंद्रीय सहायता (एसीए) इस वित्तीय वर्ष से अघोषित रूप से बंद हो चुकी है. इस वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार द्वारा एसीए में राशि नहीं दी गयी है. पूर्व में आइएपी अौर वर्तमान में एसीए द्वारा जिले के नक्सल प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र में पुल-पुलिया, रोड निर्माण, स्कूलों की बाउंड्री निर्माण, स्कूलों में बेंच-डेस्क, नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवक-युवतियों के लिए राजगारोन्मुखी तकनीकी प्रशिक्षण की योजनाएं चलायी जा रही थीं. इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ निर्माण की योजना में भी एसीए से राशि दी जा रही थी. इस वित्तीय वर्ष में राशि नहीं मिलने से सभी योजनाअों समेत पीएमजीएसवाइ में भी एक भी ग्रामीण सड़क निर्माण की योजनायें नहीं ली जा सकी. ग्रामीण अौर पिछड़े क्षेत्र के विकास के लिए चलायी जानी वाली बीआरजीएफ योजना भी पिछले वित्तीय वर्ष से बंद कर दी गयी, जिसका असर ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्र में पुल-पुलिया व सड़क निर्माण पर पड़ रहा है.