जापानी बुखार व लकवा ने ली बच्ची की जान-एक माह तक इलाज चला, फिर भी नहीं बचायी जा सकी आठ वर्षीया प्यारी (फ्लैग)-पैसे के अभाव में आगे इलाज नहीं करा सके परिजनसंवाददाता, जमशेदपुर पटमदा निवासी भरत मुर्मू की आठ वर्षीया बेटी प्यारी मुर्मू जापानी बुखार व लकवा के कारण दो माह तक जिंदगी और मौत से जूझती रही. एक माह तक एमजीएम अस्पताल में इलाज चलने के बाद गरीबी और तंगहाली के कारण अंतत: उसने दम तोड़ दिया. मृतका के चाचा कार्तिक मुर्मू के मुताबिक अगर उसका समय पर सही तरीके से इलाज किया गया होता तो उसकी जान बच सकती थी. प्राइवेट अस्पताल में 50 हजार से ज्यादा खर्च हुए मृतका के परिजनों के मुताबिक प्यारी मुर्मू का शुरू में हरपाल सिंह नर्सिंग होम में इलाज कराया गया. उसके बाद मर्सी अस्पताल में ले जाया गया जहां 50 हजार से ज्यादा रुपये खर्च हो गये. पैसा खत्म होने के बाद उसे इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल लाया गया था. लगभग एक माह तक इलाज कराने के बाद जब ठीक नहीं हुई तो पैसे के अभाव में बच्ची को लेकर परिवार वाले घर चले गये जहां उसकी मौत हो गयी. सोमवार को मृतका के चाचा कार्तिक मुर्मू एमजीएम अस्पताल पहुंचे थे और अधीक्षक से मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन अधीक्षक नहीं मिले. कार्तिक मुर्मू ने बताया कि चिकित्सकों ने इलाज में लापरवाही बरती जिसकी वजह से बच्ची की स्थिति ज्यादा खराब हुई.
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