टाटा स्टील में सुरक्षाकर्मियों पर संकट

टाटा स्टील में सुरक्षाकर्मियों पर संकटएसआइएसएफ की तैनाती के बाद यूनियन पर बढ़ा दबाव (फ्लैगजमशेदपुर. एसआइएसएफ की तैनाती के बाद टाटा स्टील में सुरक्षा कर्मियों की स्थिति पर टाटा वर्कर्स यूनियन भारी दबाव में है. मंगलवार और बुधवार को यूनियन के पदाधिकारियों से कमेटी मेंबर मिलते रहे. यूनियन के डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नू से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2015 11:42 PM

टाटा स्टील में सुरक्षाकर्मियों पर संकटएसआइएसएफ की तैनाती के बाद यूनियन पर बढ़ा दबाव (फ्लैगजमशेदपुर. एसआइएसएफ की तैनाती के बाद टाटा स्टील में सुरक्षा कर्मियों की स्थिति पर टाटा वर्कर्स यूनियन भारी दबाव में है. मंगलवार और बुधवार को यूनियन के पदाधिकारियों से कमेटी मेंबर मिलते रहे. यूनियन के डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नू से कमेटी मेंबरों ने मुलाकात की. कमेटी मेंबरों ने सुरक्षाकर्मियों का अस्तित्व बचाने की मांग की. साथ ही सिक्यूरिटी को तत्काल आउटसोर्स नहीं करने की मांग की. बुधवार को यूनियन के डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नू, उपाध्यक्ष शिवेश वर्मा और सहायक सचिव कमलेश सिंह ने मैनेजमेंट पर दबाव बनाया. इस दौरान सिक्यूरिटी चीफ गोपाल चौधरी मौजूद नहीं थे. तय हुआ कि उनके आने के बाद ही बातचीत होगी. बेहतरी के लिए ही काम होगा : टुन्नुसिक्यूरिटी के भविष्य को बचाने के लिए हर संभव प्रयास हो रहा है. बेहतरी के लिए ही काम होगा. इसके लिए निश्चित तौर पर फैसला लिया जायेगा. 2006 से आउटसोर्सिंग की चल रही प्रक्रिया वर्ष 2006 से आउटसोर्सिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी थी. उस वक्त ही सीआइएसएफ ने दौरा किया था. इसके बाद 2007 में सिक्यूरिटी विभाग का रिऑर्गेनाइजेशन किया गया था, जिसके बाद सारे सुरक्षाकर्मियों को एक-एक इंक्रीमेंट दिया गया. सिक्यूरिटी विभाग में 347 नयी बहाली की गयी थी. इसके बाद तय हुआ था कि 200 लोगों की बहाली निकाली जायेगी. 200 सेवानिवृत्त सैनिकों की बहाली होनी थी, जिसका यूनियन ने विरोध किया था और 100 कर्मचारी पुत्रों को बहाल करने की मांग की थी. 100 पूर्व सैनिकों की बहाली का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन अब नये सिरे से कदम उठाये जा रहे हैं.

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