टाटा स्टील : मैनेजमेंट के साथ वार्ता में यूनियन पांच साल के वेज रिवीजन पर अड़ी

जमशेदपुर: टाटा स्टील में वेज रिवीजन पर मंगलवार को मैनेजमेंट और यूनियन के बीच वार्ता हुई. इसमें कंपनी के वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी, चीफ एचआरएम पीएन प्रसाद, जुबिन पालिया के अलावा यूनियन के अध्यक्ष पीएन सिंह, महामंत्री बीके डिंडा और डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु शामिल थे. बैठक में मैनेजमेंट ने वेज रिवीजन की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2013 9:38 AM

जमशेदपुर: टाटा स्टील में वेज रिवीजन पर मंगलवार को मैनेजमेंट और यूनियन के बीच वार्ता हुई. इसमें कंपनी के वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी, चीफ एचआरएम पीएन प्रसाद, जुबिन पालिया के अलावा यूनियन के अध्यक्ष पीएन सिंह, महामंत्री बीके डिंडा और डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु शामिल थे.

बैठक में मैनेजमेंट ने वेज रिवीजन की समय सीमा 10 साल से घटाकर सात साल करने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि यूनियन पांच साल का ही समझौता करने पर अड़ी हुई है.

वार्ता में मैनेजमेंट ने एक बार फिर से मंदी के असर का हवाला दिया और बताया कि मंदी के माहौल में हम वेज रिवीजन करना चाहते हैं, इस लिए समयसीमा सात साल से और ज्यादा कम नहीं की जा सकती है. करीब डेढ़ घंटे की इस बैठक में देश और दुनिया की स्टील कंपनियों के हालात के बारे में मैनेजमेंट ने जानकारी दी. मैनेजमेंट ने अंतरिम समझौता करने से भी इनकार कर दिया है.

मैनेजमेंट की दलील

टाटा स्टील में कर्मचारियों की संख्या 35 हजार के करीब लेकिन प्रोडक्टिविटी 633 टन प्रति कर्मचारी सालाना है

टाटा स्टील की प्रतिस्पर्धी कंपनियों में प्रोडक्टिविटी 1030 से लेकर 1100 टन प्रति कर्मचारी सालाना है

टाटा स्टील में वेज कॉस्ट 2200 करोड़ रुपये का है, वहीं प्रतिस्पर्धी कंपनियों में 1200 से 1800 करोड़ रुपये है

जेएसडब्ल्यू, जिंदल स्टील, भूषण, इस्पात के साथ टाटा स्टील के कॉस्ट की समीक्षा की गयी

सात साल का समझौता करने से कंपनी और यूनियन के अलावा कर्मचारियों को भी फायदा होगा

एनजेसीएस में सरकारी उपक्रम की कंपनियां है, जिससे किसी भी हाल में तुलना करना गलत होगा


यह है यूनियन का प्रस्ताव

हर हाल में एमजीबी 50 फीसदी किया जाये

कर्मचारियों को अपना घर की सुविधा दी जाये

एनएस ग्रेड के कर्मचारियों को स्टील वेज में इंट्री दी जाये

पांच साल से ज्यादा का कोई समझौता नहीं हो

समय सीमा क्यों महत्वपूर्ण

समय सीमा अगर कम रहती है, तो नया वेज रिवीजन जल्द होगा और कर्मचारियों का वेतन तेजी से बढ़ेगा

समय सीमा ज्यादा दिनों का होगा तो, नया वेज रिवीजन ज्यादा दिन में होगा और वेतन वृद्धि गति धीमी रहेगी

एनजेसीएस में पांच साल की समय सीमा तय कर दी गयी है, इससे वेतन का फर्क बढ़ सकता है

एनजेसीएस से बाहर होने के बाद कंपनी में यह पहला वेज रिवीजन होगा
एनजेसीएस से बाहर होने के बाद पहली बार यूनियन की यह टीम वेज रिवीजन की वार्ता बिना पूर्व किसी समझौता के कर रही है. इससे पूर्व एनजेसीएस से कंपनी बाहर हुई थी, तो एनजेसीएस के बराबर ही वेज रिवीजन का समझौता हुआ था. मंगलवार की बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका. अब शनिवार तक रोज वेज रिवीजन पर वार्ता होगी. वैसे आधिकारिक तौर पर किसी ने कुछ नहीं कहा है.

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