भगवान भोलेनाथ की पूजा कर करें प्रसन्न

भगवान भोलेनाथ की पूजा कर करें प्रसन्न(फोटो शिव पूजा के नाम से सेव है)प्रदोष व्रत कलजमशेदपुर : मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत तथा अनंग त्रयोदशी व्रत हैं. वैसे तो त्रयोदशी तिथि की शुरुआत मंंगलवार (22 दिसंबर) की रात्रि 9:26 बजे से हो रही है, जो बुधवार (23 दिसंबर) रात्रि 7:29 बजे तक रहेगी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2015 9:36 PM

भगवान भोलेनाथ की पूजा कर करें प्रसन्न(फोटो शिव पूजा के नाम से सेव है)प्रदोष व्रत कलजमशेदपुर : मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत तथा अनंग त्रयोदशी व्रत हैं. वैसे तो त्रयोदशी तिथि की शुरुआत मंंगलवार (22 दिसंबर) की रात्रि 9:26 बजे से हो रही है, जो बुधवार (23 दिसंबर) रात्रि 7:29 बजे तक रहेगी. प्रदोष व्रत के लिए प्रात: स्नानादि से निवृत्त होने के बाद व्रत का संकल्प लें. यदि संभव हो, तो शिवालय जाकर भगवान शिव को जल अर्पित करें. इसके पश्चात पूरे दिन उपवास रखते हुए यदि संभव हो, तो संध्या समय पुन: स्नान कर नियत समय पर मंदिर जाकर भगवान भोलेनाथ की शोड़षोपचार विधि से पूजन करें. साथ ही, माता पार्वती की भी पूजा करें. इसके अलावा शिव तांडव स्तोत्र का पाठ, रुद्राभिषेक, शिव स्तोत्र में से किसी का पाठ करें. कम से कम एक माला (108 बार) शिव पंचाक्षरी मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ का जाप करें. व्रत का पारण अगले दिन (वृहस्पतिवार, 24 दिसंबर) प्रात: 6:24 बजे के बाद कभी भी किया जा सकता है.पूजन के लिए उपयुक्त समयसंध्या 5:07 से 6:09 बजे तक. इस अवधि में पूजा आरंभ अवश्य कर लें.अनंग त्रयोदशी व्रत कर पायें भगवान शिव की विशेष कृपाअनंग त्रयोदशी व्रत भी इसी दिन है. यह व्रत मार्गशीर्ष त्रयोदशी तिथि से आरंभ कर वर्ष पर्यंत हर माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को करना होता है, यानि कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी को इसका समापन होता है. इस व्रत में अनंग नर्मदेश्वर महादेव का पूजन करने का विधान है. इसमें मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी को मधु, पौष शुक्ल त्रयोदशी को चंदन, माघ मास में आम्र पल्लव, फाल्गुन में बद्रीफल (अथवा बेर), चैत्र में करंज, वैशाख में आक पुष्प, ज्येष्ठ में जामुन, आषाढ़ में अपामार्ग, श्रावण में कमल, भाद्रपद में पलाश के पल्लव, आश्विन में अपामार्ग एवं कार्तिक में कदंब पुष्प अर्पित करने एवं उसी का प्राशन करने का विधान है. इस व्रत को करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है एवं जीवन में आने वाले सारे व्यवधानों का शमन होता है.

Next Article

Exit mobile version