गलत जानकारी देकर पास कराया गया नक्शा (आदर्शनगर 1)

गलत जानकारी देकर पास कराया गया नक्शा (आदर्शनगर 1)फ्लैग-सोनारी के आदर्शनगर सोसाइटी घोटाले की परत-दर-परत खोला राज- स्थानीय लोगों ने पत्रकारों के समक्ष पेश किये दस्तावेज- जेएनएसी के साथ धोखाधड़ी करने का लगाया आरोपवरीय संवाददाता, जमशेदपुरसोनारी के आदर्शनगर सोसाइटी में हुई गड़बड़ी का परत-दर परत स्थानीय लोगों ने सोमवार को खोल दिया. स्थानीय मंजू सिंह, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2015 9:36 PM

गलत जानकारी देकर पास कराया गया नक्शा (आदर्शनगर 1)फ्लैग-सोनारी के आदर्शनगर सोसाइटी घोटाले की परत-दर-परत खोला राज- स्थानीय लोगों ने पत्रकारों के समक्ष पेश किये दस्तावेज- जेएनएसी के साथ धोखाधड़ी करने का लगाया आरोपवरीय संवाददाता, जमशेदपुरसोनारी के आदर्शनगर सोसाइटी में हुई गड़बड़ी का परत-दर परत स्थानीय लोगों ने सोमवार को खोल दिया. स्थानीय मंजू सिंह, अनिल सिंह व संध्या सिंह ने सोमवार को पत्रकारों के समक्ष घोटाले की जानकारी दी. इसकी रिपोर्ट सोसाइटी की जांच कमेटी को सौंपी गयी है. लोगों ने आरोप लगाया कि सोसाइटी के वर्तमान सीइओ वाइएन यादव ने बड़े पैमाने पर घोटाला किया है. उस दौरान उन्होंने कई दस्तावेजी प्रमाण भी पेश किये. उन्होंने बताया कि 11वें फेज का जो नक्शा पारित कराया गया, इसमें जेएनएसी के पास दूसरा नक्शा है. वहीं लोन के वक्त जो नक्शा पेश किया गया, उसमें हेराफेरी की गयी है. फरजी स्टांप लगाकर इसे पारित कराया गया है. ग्यारहवें फेज में जमीन कम पड़ी, तो उन्होंने 20 फरवरी 2008 को एक गलत शपथ पत्र जमशेदपुर अक्षेस के सामने पेश कर बताया कि आठवें फेज का 52 कट्ठा जमीन भी इसमें शामिल है, जबकि ऐसी कोई जमीन अस्तित्व में नहीं थी. इसी तरह उन्होंने ग्यारहवें फेज का 73.68 और आठवें फेज का 52 कट्ठा गलत तरीके से जोड़कर 125.68 कट्ठा जमीन दिखाकर नक्शा पास करा लिया. आज भी 11वं फेज में 73.68 कट्ठा जमीन है. इस तरह धोखाधड़ी कर उन्होंने जेएनएसी को धोखा दिया. नक्शा के मुताबिक नहीं हुआ निर्माणलोगों ने बताया कि नक्शा के हिसाब से ग्यारहवें फेज के सभी बिल्डिंग को एक दूसरे से जोड़ा जाना था, जो नहीं है. जोड़ने की बजाय हर बिल्डिंग में अवैध तरीके से पेंटा हाउस बनाकर बेच दिया गया है. इसके अलावा 11 वें फेज में डेढ़ लाख लीटर क्षमता वाले अंडर ग्राउंड स्टैटिक वाटर टैंक का निर्माण होना था, जो नहीं हुआ. एक हेट वाटर टैंक के अलावा कम से कम बीस हजार लीटर क्षमता की टंकी बननी थी. एक-एक टेरेस पंप लगना था, जो नहीं लगा. तड़ित चालक नहीं लगाया गया, जबकि सेट बैक एरिया भी नहीं छोड़ा गया है. फेज 10 में भी की गयी गड़बड़ी लोगों ने फेज 10 में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया. 1998 में फेज दस बनाया गया था, उस वक्त आदर्शनगर स्वावलंबी सोसाइटी के रूप में मान्यता नहीं थी. इस कारण सोसाइटी के डायरेक्टर का सोसाइटी के साथ किसी भी तरह का वित्तीय लेन-देन गैर कानूनी था. वाइएन यादव जमीन मालिक के साथ सोसाइटी के डायरेक्टर थे. उन्होंने करीब 22 कट्ठा जमीन आदर्शनगर सोसाइटी को बेच दिया. वह सरासर गैर कानूनी था. सोसाइटी के नाम पर परसुडीह में ली जमीनवाइएन यादव पर अारोप लगाया गया है कि सोसाइटी के नाम से परसुडीह में भी जमीन ली है, जिसमें करोड़ों रुपये का घपला अपने पुत्र मनोज यादव के मित्र बासु से कराया. बिष्टुपुर स्थित कोटैक महिंद्रा बैंक में सारे घपले के दस्तावेज होने की जानकारी दी गयी है. साजिश के तहत लगाये जा रहे आरोप : वाइएन यादवसोसाइटी के सीइओ वाइएन यादव ने बताया कि उनके ऊपर लगाये गये सभी आरोप गलत हैं. यह मेरे खिलाफ साजिश है. इसका कोई आधार नहीं है.

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