टॉपर टॉक : वेदांत चौधरी::::संपादित

टॉपर टॉक : वेदांत चौधरी::::संपादितमैथ्स पर अधिक ध्यान देने की जरूरतवेदांत चौधरीमार्क्स : 95.8 प्रतिशत रैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर संकाय : प्योर साइंस स्कूल : डीएवी, बिष्टुपुर बोर्ड : सीबीएसइ (12वीं)माता-पिता : राजश्री चौधरी, संदीप चौधरी लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैंने बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ इंजीनियरिंग की तैयारी भी की थी. दरअसल, बारहवीं बोर्ड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2015 6:55 PM

टॉपर टॉक : वेदांत चौधरी::::संपादितमैथ्स पर अधिक ध्यान देने की जरूरतवेदांत चौधरीमार्क्स : 95.8 प्रतिशत रैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर संकाय : प्योर साइंस स्कूल : डीएवी, बिष्टुपुर बोर्ड : सीबीएसइ (12वीं)माता-पिता : राजश्री चौधरी, संदीप चौधरी लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैंने बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ इंजीनियरिंग की तैयारी भी की थी. दरअसल, बारहवीं बोर्ड और आइआइटी का सिलेबस लगभग समान होता है. मैंने शुरू से ही दोनों तरफ ध्यान दिया था. इसलिए मुझे तैयारी में किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई. मार्क्स भी आशा अनुरूप मिले. मैथ्स में लगभग हर चैप्टर समानइंजीनियरिंग और बोर्ड परीक्षा का सिलेबस देखें तो मैथ्स में लगभग हर चैप्टर समान हैं. फीजिक्स में पांच-छह चैप्टर दोनों जगह एक से हैं. हालांकि, केमिस्ट्री में सिलेबस थोड़ा मेल नहीं खाता. इसलिए मैंने केमिस्ट्री के लिए अलग से समय निकाला था. इंगलिश विषय स्कूल की पढ़ायी से पूरा हो गया था. कंप्यूटर में भी मुझे किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई. मैं कहना चाहता हूं कि जेइइ मेन्स में बोर्ड के मार्क्स जोड़े जाते हैं. इसलिए इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों को भी बोर्ड परीक्षा को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. प्रिस्क्राइब्ड किताबों को थॉरोली पढ़ा मैंने बोर्ड से प्रिस्क्राइब्ड किताबों को थॉरोली पढ़ा था. सीबीएसइ में प्रश्न प्राय: किताबों से ही पूछे जाते हैं. इसलिए प्रिस्क्राइब्ड किताबों को पढ़ना बहुत जरूरी है. अगर आप रेगुलर हैं और हर टॉपिक को समझ कर पढ़ रहे हैं तो आपको आगे कभी दिक्कत नहीं होगी. रीविजन के लिए एक-डेढ़ महीना काफी होता है. इंजीनियरिंग की तैयारी होती है मददगार कई बार मैथ्स में सवाल थोड़ा कठिन आ जाते हैं. सवाल सिलेबस से ही रहता है, लेकिन उसका लेेवल थोड़ा हाई होता है. इसलिए मैथ्स की तैयारी पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. अगर कोई इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा है तो उसे यहां मदद मिल जाती है. मेन्स लेवल की किताब पढ़ने से मैथ्स की तैयारी हो जाती है. क्वेश्चन बैंक से तैयारी करना रहता है अच्छा मैंने पिछले साल के क्वेश्चन बैंक से भी तैयारी की थी. हर दो-तीन साल के बाद कुछ प्रश्न दोहराये जाते हैं. ऐसा भी होता है कि उसी प्रश्न को अलग ढंग से पूछा जाता है. इसलिए मेरे ख्याल से क्वेश्चन बैंक से तैयारी करना अच्छा रहता है. इससे आपकी तैयारी का भी पता चल जाता है. कहीं कसर रह गयी हो तो उसका अभ्यास करने का मौका मिलता है. इसलिए क्वेश्चन बैंक एक बार जरूर देख लेना चाहिए. मैथ्स एंड साइंटिफिक कंप्यूटिंग में है रुचि वर्तमान में मैं आइआइटी कानपुर से मैथ्स एंड साइंटिफिक कंप्यूटिंग की पढ़ायी कर रहा हूं. पढ़ायी पूरी करने के बाद मैं कंपनी में नौकरी करना चाहता हूं. मैं बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों से कहना चाहता हूं कि वह रेगुलर रहें और हर टॉपिक को समझ कर पढ़ें तो कहीं दिक्कत नहीं होगी. बात पते की -किताब को थॉरोली पढ़ें, मन लगाकर तैयारी करें-एक-डेढ़ महीने दोहराने के लिए रखें -अच्छी तैयारी के लिए स्कूल में रेगुलर रहें

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