पैगंबर मोहम्मद का दुनिया में आना स्मरणीय (23 जुगसलाई)

पैगंबर मोहम्मद का दुनिया में आना स्मरणीय (23 जुगसलाई)जुगसलाई में शान ए रिसालत कांफ्रेंस का समापन, आमद ए मुस्तफा पर खिताब, जुलूस ए मोहम्मदी में शामिल होने की अपीलउपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर जुगसलाई गाैरी शंकर राेड में हजरत मौलाना आबिद रजा मरकजी दारूल किरआत ने आशिकान ए रसूल कमेटी और कादरी मसजिद कमेटी द्वारा आयोजित शान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2015 9:47 PM

पैगंबर मोहम्मद का दुनिया में आना स्मरणीय (23 जुगसलाई)जुगसलाई में शान ए रिसालत कांफ्रेंस का समापन, आमद ए मुस्तफा पर खिताब, जुलूस ए मोहम्मदी में शामिल होने की अपीलउपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर जुगसलाई गाैरी शंकर राेड में हजरत मौलाना आबिद रजा मरकजी दारूल किरआत ने आशिकान ए रसूल कमेटी और कादरी मसजिद कमेटी द्वारा आयोजित शान ए रिसालत कांफ्रेंस में कहा कि पैगंबर मोहम्मद (सअ.) का दुनिया में तशरीफ लाना स्मरणीय है. इरशाद ए रब्बानी है कि जिसने रसूल का हुक्म माना बेशक उसने अल्लाह तबारक ताअला का हुक्म माना मोहम्मद (सअ.) की दुनिया में आमद को कुरआन ए पाक में अल्लाह ने मुकम्मल कमाल का दर्जा अंत किया और कहा कि पूरी दुनिया में मोहम्मद (सअ.) आखरी नबी बना कर भेजे गये कमाेवेश एक लाख चौबीस हजार अंबया आये, लेकिन आखिरी नबी के रूप में मोहम्मद साहब को भेजा गया. मौलाना सैय्यद अली फैजी ने नात ए पाक पढ़ा और दरूद आे सलाम का नजराना पेश किया. खतीब व पेश इमाम काजी मुश्ताक अहमद के तिलावत ए कलाम पाक से कांफ्रेंस का आगाज हुआ. कांफ्रेंस में हाजी माेहम्मद इसहाक, अब्दुल वाहाब, मोहम्मद इरशाद, अबरार आलम, हाजी अफरोज, परवेज कबीर, इम्तियाज हुसैन, अजमल कादरी, माेहम्मद मेराज अशरफ, मोहम्मद सादिक खान, इमरान वारसी, शहनशाह वारसी के अलावा अन्य स्थानीय लाेग काफी संख्या में उपस्थित थे. शान ए रिसालत कांफ्रेंस में इजतेमाई दुआ हुई और जुलूस ए मोहम्मदी में सभी से शामिल हाेने की अपील की गयी.

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