टॉपर टॉक : चंद्रमौली सरकार ::संपादित

टॉपर टॉक : चंद्रमौली सरकार ::संपादितपरीक्षा में टाइम मैनेजमेंट का रखें ख्याल चंद्रमौली सरकारसीजीपीए : 10रैंक : स्कूल टॉपरों में शामिल स्कूल : सेंट मेरीज इंगलिश स्कूल, बिष्टुपुर बोर्ड : सीबीएसइ माता-पिता : चैताली सरकार, सुप्रिया सरकारलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैंने 10 सीजीपीए लाने का लक्ष्य रखा था. इसके लिए मैं शुरू से ही पढ़ायी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2015 7:10 PM

टॉपर टॉक : चंद्रमौली सरकार ::संपादितपरीक्षा में टाइम मैनेजमेंट का रखें ख्याल चंद्रमौली सरकारसीजीपीए : 10रैंक : स्कूल टॉपरों में शामिल स्कूल : सेंट मेरीज इंगलिश स्कूल, बिष्टुपुर बोर्ड : सीबीएसइ माता-पिता : चैताली सरकार, सुप्रिया सरकारलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैंने 10 सीजीपीए लाने का लक्ष्य रखा था. इसके लिए मैं शुरू से ही पढ़ायी के प्रति गंभीर हो गया था. मैंने बोर्ड की तरफ से प्रिस्क्राइब्ड किताबों पर ही फोकस किया. हर दिन का होमवर्क उसी दिन पूरा करने की कोशिश करता था. इस वजह से मैं परीक्षा को लेकर कभी तनाव में नहीं रहा और मेरा रिजल्ट उम्मीद के मुताबिक ही रहा. किताबों में दिये प्रश्नों को बनाया मैं बोर्ड की तरफ से प्रिस्क्राइब्ड किताबों को थॉरोली पढ़ गया था. खासकर बायोलॉजी की पढ़ायी मैंने पूरी तरह से इसी किताब से की. मेरे विचार से इन किताबों को अच्छी तरह पढ़ लेने के बाद स्टूडेंट्स को कहीं दिक्कत नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा मैं हर अध्याय के अंत में दिये गये प्रश्नों को भी सॉल्व करता था. इससे आपको अध्याय की कितनी बातें समझ में आयीं, इसका अंदाजा लग जाता है. आगे इसी हिसाब से आप तैयारी कर सकते हैं. सैंपल पेपर से मिली मदद मैं इंटरनेट पर माय सीबीएसइ गाइड डॉट कॉम पर सैंपल पेपर देखा करता था. इसके लिए अलग से कई प्रकाशन की किताबें भी आती हैं. मुझे सैंपल पेपर से काफी मदद मिली. मैं टाइम सेट कर सैंपल पेपर बनाता था. इससे मुझे टाइम मैनेजमेंट की समझ हो गयी. मैं कहना चाहता हूं कि स्टूडेंट्स अक्सर समय न रहने के कारण कुछ प्रश्न जानते हुए भी छोड़ देते हैं. सैंपल पेपर को समय देखकर सॉल्व करने से यह परेशानी दूर हो सकती है. इन विषयों में हुई थी दिक्कत मुझे सोशल साइंस, हिंदी और इंगलिश में दिक्कत होती थी. सोशल साइंस के अध्याय काफी लंबे थे. इस वजह से अंतिम समय में पूरी किताब पढ़ना संभव नहीं होता. मैंने किताब थॉरोली पढ़ने के दौरान ही हर अध्याय की महत्वपूर्ण बातों को अंडरलाइन कर लिया था. टॉपिक के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर स्टार लगा लिया था, ताकि मुझे पूरा अध्याय नहीं पढ़ना पढ़े. किताब खोलते ही महत्वपूर्ण बिंदुओं पर नजर चली जाये. हिंदी और इंगलिश का बार-बार अभ्यास किया. घर पर तैयारी के दौरान मुझे अगर किसी भी विषय में किसी तरह की दिक्कत होती थी, तो मैं टीचर से फोन पर या स्कूल जाकर पूछ लेता था. टेस्ट से होता है ओएमआर सीट का अभ्यास मैंने स्कूल में होने वाले हर टेस्ट को गंभीरता से लिया. इससे आपकी फाइनल परीक्षा की धीरे-धीरे तैयारी होती जाती है. मैं कहना चाहता हूं कि प्री बोर्ड की तैयारी करना बहुत अच्छा रहता है. स्टूडेंट्स को इसकी तैयारी फाइनल परीक्षा की तरह से करनी चाहिए. इससे आपको प्रश्नों के साथ-साथ ओएमआर सीट की समझ भी हो जाती है. कुछ स्टूडेंट्स को पहली बार ओएमआर सीट देखने पर दिक्कत हो सकती है. आइआइटी क्रेक करना है सपना वर्तमान में मैं प्योर साइंस के साथ ग्यारहवीं कर रहां हूं. इसके साथ-साथ इंजीनियरिंग की तैयारी भी कर रहा हूं. मैं आइआइटी क्रेक करना चाहता हूं. मैं बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों से कहना चाहता हूं कि वह परीक्षा में टाइम मैनेजमेंट का ख्याल रखें. बात पते की -स्कूल में होने वाली हर परीक्षा को गंभीरता से लें -कमजोर विषय के लिए अलग से समय निकलें-बोर्ड की तरफ से प्रिस्क्राइब्ड किताबों पर फोकस करें

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