1200 पन्ने में तैयार किया गया है डॉ दास पर आरोप पत्र
1200 पन्ने में तैयार किया गया है डॉ दास पर आरोप पत्र संवाददाता, जमशेदपुर जमशेदपुर को- अॉपरेटिव कॉलेज से बरखास्त किये गये प्रिंसिपल डॉ आरके दास अब राजभवन की शरण में जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि उन पर गलत इल्जाम लगाया गया है. रिटायरमेंट के वक्त जो दाग उन पर लगाये गये हैं, उसे […]
1200 पन्ने में तैयार किया गया है डॉ दास पर आरोप पत्र संवाददाता, जमशेदपुर जमशेदपुर को- अॉपरेटिव कॉलेज से बरखास्त किये गये प्रिंसिपल डॉ आरके दास अब राजभवन की शरण में जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि उन पर गलत इल्जाम लगाया गया है. रिटायरमेंट के वक्त जो दाग उन पर लगाये गये हैं, उसे धोने के लिए वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका अगला कदम क्या होगा, इस पर विचार किया जा रहा है. कई लोगों से इस मामले में सुझाव में लिये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे राजभवन या हाइकोर्ट दोनों ही जगह पर जा सकते हैं. विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार डॉ आरके दास पर गहन जांच के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी ने एबीएम कॉलेज अौर जमशेदपुर को अॉपरेटिव कॉलेज में उनके कार्यकाल के दौरान हुई वित्तीय अनियमितता की जांच की गयी. इस जांच में 1200 पन्ने की जांच रिपोर्ट तैयार की गयी. इस जांच रिपोर्ट को जेपीएससी, एचआरडी, राजभवन भी भेज दिया गया है. सूत्रों के अनुसार उक्त रिपोर्ट के आधार पर डॉ दास पर कानूनी कार्रवाई भी संभव थी, लेकिन विवि के पदाधिकारियों ने उन पर कानूनी कार्रवाई के बजाय विभागीय कार्रवाई ही की अौर उन्हें रियाटरमेंट से पूर्व बरखास्त किया. बरखास्तगी से भी उन्हें कुछ हद तक राहत मिली है. अगर विवि की अोर से उन पर एफआइआर दर्ज किया जाता, तो कानूनी प्रक्रिया लंबी चलती रहती अौर फिर रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली सेटेलमेंट अौर पेंशन की राशि भी कानूनी फैसला आने के बाद ही मिलता. हालांकि अब भी इसमें अड़चन आयी है, लेकिन थोड़ी कम.