बीत जैहे जैहे जनम अकाज रे (हैरी-7,8)

बीत जैहे जैहे जनम अकाज रे (हैरी-7,8)कीताडीह में दो दिवसीय कीर्तन दरबार आरंभ, निकली शोभा यात्रा (फ्लैगवरीय संवाददाता, जमशेदपुरबीत जैहे जैहे जनम अकाज रे…, नानकलीन भयो गोविंद सिओ, ज्यो पानी संग पानी…, आदि सबद कीर्तन गायन कर लुघियाना से आगे रागी जत्था भाई बालेश्वर सिंह ने संगत को निहाल किया. इन्हीं सबद कीर्तनों के साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2015 8:36 PM

बीत जैहे जैहे जनम अकाज रे (हैरी-7,8)कीताडीह में दो दिवसीय कीर्तन दरबार आरंभ, निकली शोभा यात्रा (फ्लैगवरीय संवाददाता, जमशेदपुरबीत जैहे जैहे जनम अकाज रे…, नानकलीन भयो गोविंद सिओ, ज्यो पानी संग पानी…, आदि सबद कीर्तन गायन कर लुघियाना से आगे रागी जत्था भाई बालेश्वर सिंह ने संगत को निहाल किया. इन्हीं सबद कीर्तनों के साथ सिख नौजवान सभा कीताडीह की देखरेख में दुर्गापूजा मैदान में चलने वाला दो दिवसीय कीर्तन दरबार का अारंभ हुआ. गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर इसका आयोजन किया गया है. कीर्तन दरबार में पटियाला से आये रागी जत्था बीबी दिलप्रीत कौर ने तू ही तू ही अब जब तब प्रभु तू ही तू… तथा गम्हरिया से भाई मनमोहन सिंह ने भी कीर्तन गायन कर संगत को निहाल किया. कथावाचक हरविदंर सिंह ने श्री गुरु तेग बहादुर जी की जीवनी पर प्रकाश डाला. इससे पूर्व कीताडीह गुरुद्वारा में पिछले तीन दिनों से चल रहे श्री अखंड पाठ की समाप्ति हुई. इसके बाद गुरुद्वारा से शोभा यात्रा निकाली गयी, जो सजे पंडाल में पहुंच कर समाप्त हुई. इसके बाद कीर्तन दरबार आरंभ हुआ. कीर्तन दरबार सुबह और शाम दोनों पहर चला. दोनों समय संगत के बीच गुरु का लंगर वितरित हुआ. कीर्तन दरबार को सफल बनाने में प्रधान त्रिलोचन सिंह, हरदेव सिंह, चरणजीत सिंह, ओंकार सिंह, हरकमल सिंह, मनिंदर सिंह, हरप्रीत सिंह उर्फ हनी, गगनदीप सिंह, गोलू सिंह, जगतार सिंह, धर्मेंद्र सिंह, विजेंदर सिंह, अमन सिंह, सतपाल सिंह, जसपाल सिंह गांधी समेत गुरमेल सिंह, हरविंदर सिंह, रतन सिंह समेत स्त्री सत्संग सभा व गुरुद्वारा कमेटी का योगदान रहा.—————तारकंपनी गुरुद्वारा में लगा कीर्तन दरबार (उमा-9)जमशेदपुर. तारकंपनी गुरुद्वारा में श्री गुरु गोविंद सिंह के छोटे साहेबजादे जोरावर सिंह व फतेह सिंह के शहीदी दिवस पर कीर्तन दरबार का आयोजन हुअा. सिख नौजवान सभा इंद्रानगर (तारकंपनी) की तरफ से आयोजित कीर्तन दरबार में पंजाब से आये (स्टेशन रोड गुरुद्वारा में ठहरे हैं) देवेंद्र सिंह ने जिस मरने से जग डरे, मरे ते हर के द्वार… कीर्तन गायन कर संगत को निहाल किया. कथावाचक भाई बयंत सिंह ने छोटे साहिबजादे की शहीदी के बारे में बताया. इस मौके पर सीजीपीसी के प्रधान इंद्रजीत सिंह मौजूद थे. संगत के बीच गुरु का लंगर भी वितरित हुआ. कीर्तन दरबार को सफल बनाने में सतविदंर सिंह (प्रधान), रंजीत सिंह, प्रभजोत सिंह, सुरेंद्र सिंह, दिलप्रीत सिंह, गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान तरसेम सिंह, स्त्री सत्संग सभा का सहयोग रहा.

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