टॉक शो : दाखिले के लिए लॉटरी
टॉक शो : दाखिले के लिए लॉटरी अभिभावक दिखायें एकता, तो बनेगी बातजनवरी में निजी स्कूलों में दाखिले के लिए लॉटरी की जायेगी. वहीं, इस मामले में प्रशासन चुप्पी साधे हुए है. ऐसे में स्वाभाविक रूप से एडमिशन में निजी स्कूल प्रबंधन की मनमानी चलेगी. लेकिन, आश्चर्य है कि अभिभावक भी इस मामले में खुलकर […]
टॉक शो : दाखिले के लिए लॉटरी अभिभावक दिखायें एकता, तो बनेगी बातजनवरी में निजी स्कूलों में दाखिले के लिए लॉटरी की जायेगी. वहीं, इस मामले में प्रशासन चुप्पी साधे हुए है. ऐसे में स्वाभाविक रूप से एडमिशन में निजी स्कूल प्रबंधन की मनमानी चलेगी. लेकिन, आश्चर्य है कि अभिभावक भी इस मामले में खुलकर सामने आने से कतरा रहे हैं. लाइफ @ जमशेदपुर की टीम ने शहरवासियों से इस मुद्दे पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि लॉटरी सभी के सामने होनी चाहिए, ताकि यह पारदर्शी तरीके से हो सके. प्रशासन को भी इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए. पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश : कई अभिभावकों के बच्चे पहले से ही अच्छे स्कूलों में पढ़ रहे हैं. वे इसके खिलाफ इसलिए नहीं आवाज उठाते, क्योंकि उन्हें स्कूल द्वारा बच्चों के खिलाफ कार्रवाई का डर रहता है. -ममता मिश्रा, गोपाल मैदान बिष्टुपुर से मेरे ख्याल से इसमें अभिभावकों से अधिक प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है. प्रशासन थोड़ा भी सपोर्ट करेगा तो लोग सामने आयेंगे. इस तरफ प्रशासन को सोचना चाहिए. -आलोक महतो, घोड़ाबांधा से अभिभावक संघ को निजी स्कूल प्रबंधन पर दबाव डालना चाहिए. आखिर संघ गलती सामने लाने के लिए ही तो बना है. स्कूल प्रबंधन तो मनमानी करतो ही हैं.-असित कुमार चौधरी, खड़ंगाझार से देखिये, कोई सामने आना नहीं चाहता. सभी को लगता है कि उनकी समस्या कोई और सामने लेकर आये. यहीं पर दिक्कत है. इसमें अभिभावक संघ महती भूमिका निभा सकता है. -मलय सेन, आजाद मार्केट, टेल्को से एक आदमी की आवाज कोई नहीं सुनता. इसके लिए समूह में विरोध करना होगा. लॉटरी के खिलाफ अगर सही में विरोध होता है, तो स्कूल प्रबंधन को झुकना ही होगा. -सूरज कुमार शर्मा, सीतारामडेरा से लॉटरी सही नहीं होती. अभिभावक आवाज उठाते हैं, लेकिन उनकी बात कोई नहीं सुनता. प्रशासन भी नहीं सुनता. यह स्थिति सही नहीं है. आम लोगों को भी साथ आना होगा. -उज्ज्वल साव, बिरसानगर से