तीन भाषाओं के नाटकों का मंचन
तीन भाषाओं के नाटकों का मंचन(फोटो आयी होगी, अलग से भी नाटकों के नाम से सेव है)फ्लैग::: तुलसी भवन के नाट्य उत्सव 2015 का समापन, नाट्य दल सम्मानितलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर सिंहभूम जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय ‘नाट्य उत्सव 2015’ रविवार संध्या तीन नाटकों के मंचन के साथ संपन्न […]
तीन भाषाओं के नाटकों का मंचन(फोटो आयी होगी, अलग से भी नाटकों के नाम से सेव है)फ्लैग::: तुलसी भवन के नाट्य उत्सव 2015 का समापन, नाट्य दल सम्मानितलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर सिंहभूम जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय ‘नाट्य उत्सव 2015’ रविवार संध्या तीन नाटकों के मंचन के साथ संपन्न हो गया. समारोह के दूसरे एवं अंतिम दिन रविवार को तीन भाषाओं, ‘बांग्ला’, ‘संस्कृत’ एवं ‘जिब्रिश’ में नाटकों की प्रस्तुति हुई. कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता उप समाहर्ता संजय कुमार पांडेय ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित किया. तुलसी भवन के मानद महासचिव डॉ नर्मदेश्वर पांडेय ने अतिथियों एवं कलाकारों का स्वागत करते हुए नाटकों के सफ़ल मंचन की कामना की. पहली प्रस्तुति ‘थिएटर आर्टिस्ट्स ऑफ जमशेदपुर (ताज) द्वारा तुषार दासगुप्ता के निर्देशन में प्रस्तुत बांग्ला नाटक ‘ढिशुम-ढिशुम’ की रही, जिसमें कलाकारों ने अत्यंत ही भावपूर्ण एवं प्रभावकारी मंचन किया. समारोह की दूसरी प्रस्तुति ‘संस्कृत भारती, जमशेदपुर’ द्वारा प्रस्तुत संस्कृत नाटक ‘पुत्री कुपुत्री न भवति’ की रही. इस नाटक के लगभग सभी कलाकार पहली बार मंच पर प्रस्तुति दे रहे थे तथा भाषा भी संस्कृत होने के बावजूद वे अपने नाटक का कथ्य दर्शकों तक पहुंचाने में सफल रहे. समारोह की अंतिम प्रस्तुति के रूप में निशान, जमशेदपुर की ओर से पंचतंत्र की कहानी ‘प्रतिशोध’ पर आधारित जिब्रिश नाटक ‘जम्शे माला शॉ’ का मंचन विजय कुमार शर्मा के निर्देशन में किया गया. तीनों ही नाटक दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ ही सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक मूल्यों को स्थापित करने और उनका संवर्धन करने की दिशा में सफल प्रयास के रूप में प्रस्तुत हुए. संचालन संयोजक विजय भूषण व अरुणा भूषण ने किया. समारोह के अंत में कलाकारों एवं नाट्य उत्सव में भाग लेने वाले दलों को स्मृति चिह्न एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया. आयोजन के मुख्य अतिथि एवं वरीय रंगकर्मी कृष्णा सिन्हा ने उन्हें प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया.