जमशेदपुर: टाटा स्टील के सुरक्षाकर्मी कंपनी के कर्मचारी हैं और वे कर्मचारी की ही श्रेणी में आते हैं. सुरक्षाकर्मी टाटा वर्कर्स यूनियन के ही सदस्य रहेंगे. यह फैसला सुनाया है झारखंड की श्रमायुक्त पूजा सिंघल ने. यूनियन के पूर्व उपाध्यक्ष सीताराम कुमार ने झारखंड हाइकोर्ट में इससे संबंधित मामला दायर किया था.
हाइकोर्ट ने मामला श्रमायुक्त कोर्ट में दायर करने को कहा था. याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा गया था कि सुरक्षाकर्मी आम कर्मचारी नहीं होते. वे यूनियन के सदस्य नहींबन सकते हैं. सीताराम कुमार ने यूनियन में सिक्यूरिटी से जुड़े लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की थी. मामले की कई दौर में सुनवाई हुई. श्रमायुक्त ने सोमवार को फैसला सुनाया. फैसले से टाटा स्टील के सुरक्षाकर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गयी है.
फैसला नहीं देखा है
सुरक्षाकर्मी हमारे सदस्य पहले से ही थे, वे बने रहेंगे. यह खुशी की बात है. हमने फैसला नहीं देखा है, जिस कारण इस पर ज्यादा नहीं बोल सकता.
पीएन सिंह, अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन
हाइकोर्ट जायेंगे
श्रमायुक्त ने श्रम कानून के उलट फैसला दिया है. श्रमायुक्त से हमें न्याय नहीं मिला है. हम अब हाइकोर्ट की शरण में जायेंगे. यह फैसला श्रम मंत्री के दबाव में दिया गया है.
सीताराम कुमार, उपाध्यक्ष, टीडब्ल्यूयू
न्याय की जीत हुई
यह न्याय और ईमानदारी की जीत है. इतिहास बदलने की साजिश विफल हुई है. मुङो यूनियन और चुनाव से बाहर करने के लिए परदे के पीछे से अदृश्य शक्ति काम कर रही थी, जिसे मुंह की खानी पड़ी.
रघुनाथ पांडेय, पूर्व अध्यक्ष, टीडब्ल्यूयू