याद किये गये मर्जिा गालिब

याद किये गये मिर्जा गालिब-उर्दू घर ने किया आयोजनजमशेदपुर . साकची स्थित उर्दू घर की अोर से मिर्जा गालिब की यौम- ए- पैदाइश के मौके पर ‘याद- ए- गालिब’ का एहतमाम किया गया. उर्दू घर के महासचिव हसन रिजवी की सदारत में आयोजित समारोह में शमीम इलाहाबादी मेहमान ए खास थे. गजल गायक कलीम नेयाजी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2015 10:31 PM

याद किये गये मिर्जा गालिब-उर्दू घर ने किया आयोजनजमशेदपुर . साकची स्थित उर्दू घर की अोर से मिर्जा गालिब की यौम- ए- पैदाइश के मौके पर ‘याद- ए- गालिब’ का एहतमाम किया गया. उर्दू घर के महासचिव हसन रिजवी की सदारत में आयोजित समारोह में शमीम इलाहाबादी मेहमान ए खास थे. गजल गायक कलीम नेयाजी ने गालिब की मशहूर गजल ‘दिले नादां तुझे हुआ क्या है, आखिर इस दर्द की दवा क्या है…’ पेश किया. डॉ एस अख्तर ने गालिब की शायरी पर रौशनी डाली. हसन रिजवी ने कहा कि मिर्जा गालिब के इंतकाल के बाद वर्षों तक अदबी मंजरनामे में नहीं थे, उनके शागिर्द मौलाना अल्ताफ हुसैन हाली ने अपने उस्ताद गालिब के कलाम को एकत्र कर मंजर ए आम तक लाने का काम किया, जिससे गालिब 19वीं सदी के बड़े शायर करार दिये गये. मौके पर प्रो ए रहमान, अफसर आजमी, तमन्ना मलिक, मिसबाहुर्रहमान कुतुब, गुलाम अली, मंजर इमाम, एए शिबली, शफकत राणा, नसीम देहलवी, एहसान दरभंगवी, कलाम नयाजी, डॉ शादाब हसन, आरिफ गयावी, सुल्तान आरवी आदि मौजूद थे.

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