शरणागति केे बिना वासना से बचना संभव नहीं

शरणागति केे बिना वासना से बचना संभव नहीं-यूपी संघ में श्रीमद् भागवत कथा का छठा दिन, पं राजकुमार ने दिया प्रवचनलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर ईश्वर के सभी अवतारों में श्रीकृष्ण के चरित को समझना अत्यंत कठिन है. वैसे तो भगवान की प्रत्येक बाल लीला में कोई न कोई रहस्य विद्यमान है, जैसे पूतना अपने स्तनों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2015 8:56 PM

शरणागति केे बिना वासना से बचना संभव नहीं-यूपी संघ में श्रीमद् भागवत कथा का छठा दिन, पं राजकुमार ने दिया प्रवचनलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर ईश्वर के सभी अवतारों में श्रीकृष्ण के चरित को समझना अत्यंत कठिन है. वैसे तो भगवान की प्रत्येक बाल लीला में कोई न कोई रहस्य विद्यमान है, जैसे पूतना अपने स्तनों में जहर जमाकर श्रीकृष्ण को समाप्त करना चाहती है, लेकिन स्वयं समाप्त हो जाती है. तात्पर्य यह कि पूतना विषाक्त वासना है. उक्त बातें पंडित राजकुमार बाजपेयी ने यूपी संघ में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन बुधवार को उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि वासना चाहे जितनी भी सुंदर क्यों न हो, परमात्मा के सौंदर्य के समक्ष तुक्ष ही है. वह परमात्मा को रिझाना चाहती है, पकड़ना चाहती है, स्वयं को दिखाना एवं पकड़ाना चाहती है, किन्तु ईश्वर उसे देखता ही नहीं, अपनी आंखें बंद कर लेता है और अंततः जीत ईश्वर की सत्ता की ही होती है. इसलिए जीव जब तक ईश्वर की शरण में नहीं जाता, तब तक संसार की वासना से उसका बचना संभव नहीं. कथा में संघ के उपाध्यक्ष रामफल मिश्रा, महासचिव डॉ डीपी शुक्ला के अलावा केपी सिंह, गीता शुक्ला, बच्चन दुबे, एके पांडेय, बालकृष्ण वार्ष्णेय, बैजनाथ दुबे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version