हेल्थ बुलेटिन:::::रेस्पिरेटरी ट्रैक इन्फेक्शन ::संपादितफोटोडॉ सुनील कुमार, जनरल फीजिशियन ठंड लगने से होता है रेस्पिरेटरी ट्रैक इन्फेक्शन इन दिनों अधिकतर लोग रेस्पिरेटरी ट्रैक इन्फेक्शन की चपेट में आ रहे हैं. यह बीमारी वायरल इन्फेक्शन के कारण, ठंड के संपर्क में आने के कारण, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से व एलर्जिक कारणों से हो सकती है. बीमारी होने से मरीज को थ्रोट में इरीटेशन होता है, शुरुआत में सूखी खांसी होती है व बाद में चलकर बलगम वाली खांसी होती है. नाक बहती है व बंद रहती है. शरीर में ऐसे लक्षण दिखायी देने पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि यदि कोई व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है तो मुंह को ढक कर खांसना चाहिए. नाक को पोछने के लिए रूमाल की बजाये टिशू पेपर का इस्तेमाल करना चाहिए व बाद में उसे ठीक से डिसपोज कर देना चाहिए. हाथ धोकर खाना खाएं. ठंड से बचाव करना चाहिए. गर्म कपड़े पहनना चाहिए. कमरे में रूम हीटर रखें तो पानी की बाल्टी जरूर रखें. यदि इस बीमारी का शुरुआत में इलाज नहीं कराया गया, तो आगे चलकर यह निमोनिया का रूप ले सकती है.बीमारी : रेस्पिरेटरी ट्रैक इन्फेक्शन लक्षण : थ्रोट में इरीटेशन होना, सूखी खांसी के बाद बलगम वाली खांसी होना, नाक बहना व बंद होना.बचाव : मुंह ढक कर खांसें, खानें से पहले हाथ धोयें, ठंड से बचें.
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हेल्थ बुलेटिन:::::रेस्पिरेटरी ट्रैक इन्फेक्शन ::संपादित
हेल्थ बुलेटिन:::::रेस्पिरेटरी ट्रैक इन्फेक्शन ::संपादितफोटोडॉ सुनील कुमार, जनरल फीजिशियन ठंड लगने से होता है रेस्पिरेटरी ट्रैक इन्फेक्शन इन दिनों अधिकतर लोग रेस्पिरेटरी ट्रैक इन्फेक्शन की चपेट में आ रहे हैं. यह बीमारी वायरल इन्फेक्शन के कारण, ठंड के संपर्क में आने के कारण, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से व एलर्जिक कारणों से हो सकती […]
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