रहमत का फरश्तिा बनकर आये थे पैगंबर मोहम्मद (उमा फोटो-)
रहमत का फरिश्ता बनकर आये थे पैगंबर माेहम्मद (उमा फाेटाे-)-साकची में अंजुमन बहार ए इसलाम के जलसे का समापन आजउपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर अंजुमन बहार -ए- इसलाम के बैनर तले पैगंबर हजरत माेहम्मद सअ. के जन्मदिवस का महीना ईद मिलादुनबी के अवसर पर जलसा का आयाेजन किया गया. इसमें तकरीर व मुशायरा पेश किया गया. इस […]
रहमत का फरिश्ता बनकर आये थे पैगंबर माेहम्मद (उमा फाेटाे-)-साकची में अंजुमन बहार ए इसलाम के जलसे का समापन आजउपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर अंजुमन बहार -ए- इसलाम के बैनर तले पैगंबर हजरत माेहम्मद सअ. के जन्मदिवस का महीना ईद मिलादुनबी के अवसर पर जलसा का आयाेजन किया गया. इसमें तकरीर व मुशायरा पेश किया गया. इस दाैरान बाहर से आये हुए नातखां व शायराें ने हजरत माेहम्मद की शान में शायरी की. हुसैनी मसजिद के इमाम माैलाना सैय्यद सैफुद्दीन असदक ने कहा कि पैगंबर माेहम्मद दुनिया के लिए रहमत का फरिश्ता बनकर आये थे. इनसान काे अपना फर्ज नहीं भूलना चाहिए. पांच वक्त की नमाज के साथ-साथ बड़ाें की इज्जत करने, समाज की बुराइयाें के खात्मे के लिए आगे आकर पहल करनी चाहिए. समाज का हर बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहे, इसकाे लेकर हर किसी काे विशेष ध्यान देने की जरूरत है. कार्यक्रम का संचालन आेड़िशा के माैलाना हफीजुर रहमान ने किया. कार्यक्रम के दाैरान मानगाे बारी मसजिद के मदरसा में पढ़नेवाली आठ साल की शहजादी ने अपने इमान-धर्म पर अपनी बातें रख कर सबको प्रभावित किया. समाराेह काे माैलाना इजहर अहमद, आेड़िशा के माैलाना मुजफ्फर हुसैन ने संबाेधित किया. इस अवसर पर हसीन अहमद, गुलाम माैला, माेहम्मद सलीम, बादल, अताउर रहमान के अलावा स्थानीय लाेग माैजूद थे.