..जन्म के वक्त भी पापा को नहीं मिली थी छुट्टी

जमशेदपुर: केपीएस कदमा के पूर्व छात्र अनुराग कुमार तिवारी ने एक पुस्तक लिखी है. 15 साल के छात्र ने भारतीय सेना के जवान और उसके परिजनों की पीड़ा को अपनी किताब के जरिये बयां करने की कोशिश की है. लाइफ ऑफ एन इंडियन सोल्जर नामक इस किताब को पूरा कर लिया गया है. चार दिनों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2013 9:09 AM

जमशेदपुर: केपीएस कदमा के पूर्व छात्र अनुराग कुमार तिवारी ने एक पुस्तक लिखी है. 15 साल के छात्र ने भारतीय सेना के जवान और उसके परिजनों की पीड़ा को अपनी किताब के जरिये बयां करने की कोशिश की है.

लाइफ ऑफ एन इंडियन सोल्जर नामक इस किताब को पूरा कर लिया गया है. चार दिनों में इससे प्रकाशित कर दिया जायेगा. पावर पब्लिकेशन की ओर से किताब का प्रकाशन किया जा रहा है. इतनी कम उम्र में किताब कैसे लिखी गयी, इस सवाल के जवाब में अनुराग ने बताया कि उनके पिता नरेंद्र कुमार तिवारी पिछले 24 साल से सीआरपीएस में हैं, और देश की सेवा कर रहे हैं. मैं भारतीय सैनिकों के बारे में ज्यादा नहीं जानता लेकिन अपने पिता को देख कर उनके कष्टों को महसूस करता हूं. अनुराग के अनुसार वह जब पैदा हो रहा था तो उस वक्त भी उसके पिता उनकी मम्मी के साथ नहीं थे.

यहां तक कि उन्हें पता भी नहीं था कि मैं होने वाला हूं. जब मैं पैदा हो गया था उसके 43 दिनों के बाद पापा को खबर भेजा गया कि मैं होने वाला हूं. इसके बाद भी उन्हें छुट्टी नहीं मिली. मम्मी की तबीयत काफी खराब थी, लेकिन फिर भी वे नहीं आ पाये.

इस किताब के जरिये कहने की कोशिश की गयी है. अनुराग ने कहा कि फिलहाल वह नरभेराम हंसराज इंग्लिश स्कूल में 11 वीं का छात्र है, और सुंदरनगर का रहने वाला है. उसने कहा कि किताब लिखने के लिए प्रेरित करने में केपीएस कदमा के शिक्षक-शिक्षिकाओं और स्कूल की प्रिंसिपल का भी अहम योगदान है.

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