कार्यों के साथ-साथ हरि स्मरण करें
कार्यों के साथ-साथ हरि स्मरण करें(फोटो हैरी की होगी)फ्लैग::: संतमत सत्संग का दो दिवसीय सम्मेलन आरंभ, बोले महर्षि हरिनंदनजीलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर संतमत सत्संग का दो दिवसीय जिला सम्मेलन शुक्रवार सुबह तुलसी भवन में आरंभ हुआ. संतमत सत्संग के वर्तमान आचार्य महर्षि हरिनंदन परमहंस जी के सान्निध्य में आरंभ हुए उक्त समारोह में आचार्य जी […]
कार्यों के साथ-साथ हरि स्मरण करें(फोटो हैरी की होगी)फ्लैग::: संतमत सत्संग का दो दिवसीय सम्मेलन आरंभ, बोले महर्षि हरिनंदनजीलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर संतमत सत्संग का दो दिवसीय जिला सम्मेलन शुक्रवार सुबह तुलसी भवन में आरंभ हुआ. संतमत सत्संग के वर्तमान आचार्य महर्षि हरिनंदन परमहंस जी के सान्निध्य में आरंभ हुए उक्त समारोह में आचार्य जी ने श्रद्धालुओं को मानव तन की उपादेयता को सिद्ध करते हुए बताया कि मानव तन से ही ईश्वर की प्रणति संभव है. इसमें ईश्वर के पहुंचने का मार्ग है. इसी तन से भजन कर प्रभु की प्राप्ति की जा सकती है. सभी शरीरों में मानव तन सर्वोत्तम है, इसमें नर्क, स्वर्ग और अपवर्ग में जाने का मार्ग है. महर्षि जी ने कहा कि मानव तन क्षणभंगुर है, इसलिए सांसारिक सभी कर्मों का निष्पादन करते हुए ही ईश्वर का भजन-स्मरण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि संतों का ज्ञान मोक्ष प्राप्ति के लिए ही है, मानव मात्र भगवान का भजन कर सकता है, लेकिन इसके लिए सदाचार की आवश्यकता है. सम्मेलन को स्वामी निर्मलानंद जी स्वामी गुरुचरण जी, स्वामी परमानंदजी, स्वामी संजीवनानंदजी आदि ने भी संबोधित किया. मंच संचालन ओम प्रकाश निराला ने व कार्यक्रम की अध्यक्ष मुरलीधर केडिया ने की. उपाध्यक्ष कमलेश शर्मा, भंडारा संचालक चतुर्भुज केडिया एवं अन्य सभी कार्यकर्ताओं ने इसमें सराहनीय सहयोग किया. ब्रह्मदेव सिन्हा, श्रीपतिनाथ, सुनील चौरसिया आदि ने संतों की देख-रेख का दायित्व पूरा किया.