चार कंपनी प्रबंधकों पर केस
जमशेदपुर: कारखाना निरीक्षक भारत भूषण ने सरायकेला-खरसावां के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में कारखाना अधिनियम की विभिन्न धाराओं के उल्लंघन के आरोप में टिस्को ग्रोथ शॉप, रामकृष्ण फोजिर्ग, बीएमसी मेटल क्रॉफ्ट और मालवीय सीमेंट प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. मुख्य कारखाना निरीक्षक अवधेश सिंह ने बताया कि श्रम कानून को सख्ती से […]
जमशेदपुर: कारखाना निरीक्षक भारत भूषण ने सरायकेला-खरसावां के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में कारखाना अधिनियम की विभिन्न धाराओं के उल्लंघन के आरोप में टिस्को ग्रोथ शॉप, रामकृष्ण फोजिर्ग, बीएमसी मेटल क्रॉफ्ट और मालवीय सीमेंट प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. मुख्य कारखाना निरीक्षक अवधेश सिंह ने बताया कि श्रम कानून को सख्ती से लागू करवाने के लिए विभाग के पदाधिकारी प्रयत्नशील हैं और इसी क्रम में उल्लंघन करते पाये गये कारखाना प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है.
टिस्को ग्रोथ शॉप
टिस्को ग्रोथ शॉप (टीजीएस) में 14/9/2013 को जांच धावा दल ने छापामारी की थी. जांच दल में मुख्य कारखाना निरीक्षक अवधेश सिंह, उप मुख्य कारखाना निरीक्षक एके मिश्र, सरायकेला-खरसावां जिला कारखाना निरीक्षक भारत भूषण शामिल थे. जांच दल ने छापामारी में कारखाना में निर्मित कैंटीन को नियमानुसार व पूर्ण सुविधायुक्त नहीं पाया. जांच दल ने फोर्क लिफ्ट व अन्य लिफ्टिंग उपकरण में कमियां पायी. अपने अभियोजन में कारखाना निरीक्षक ने तत्कालीन दखलकार एचएम नेरुरकर व रूपम भादुरी के खिलाफ कारखाना अधिनियम के धारा 1946 की धारा 6 व 1956 के धारा 67, 68, 69, 88 व 102 के उल्लंधन के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया.
रामकृष्णा फोजिर्ग: सरायकेला के कोलाबिरा स्थित रामकृष्णा फोजिर्ग लिमिटेड के दखलकार महावीर जालान व प्रबंधक कंचन चौधरी के विरुद्ध भी सरायकेला-खरसावां न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मुकदमा दर्ज करवाया गया. कंपनी परिसर में कार्यरत विश्वजीत मंडल की मौत 7/8/2013 को हो गयी थी. इसी मामले में मुकदमा दर्ज करवाया गया है.
बीएमसी मेटल क्राफ्ट
बीएमसी मेटल क्राफ्ट के दखलकार दीपक डोकानिया व प्रबंधक पीसी तराई के खिलाफ कंपनी में टुन्ना टुई की मृत्यु से जुड़े मामले में मुकदमा दर्ज करवाया गया है. 23/9/2013 को काम के दौरान मजदूर टुन्ना टुई का निधन हो गया था.
मालवीय सीमेंट
आदित्यपुर क्षेत्र में चल रही मालवीय सीमेंट कंपनी बगैर लाइसेंस लिये ही चलायी जा रही थी. इस मामले में कारखाना निरीक्षक के द्वारा जांच किये जाने पर यह बात सामने आयी जिसके कारण धनराज सिंह के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया गया.