25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिले में बनेंगे 71 अनाज गोदाम, प्रखंडों में गठित होंगी मत्स्यजीवी व दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियां

उपायुक्त ने की सहकारिता विभाग की योजनाओं समीक्षा, पदाधिकारियों को दिये निर्देश

प्रमुख संवाददाता, जमशेदपुर

उपायुक्त ने मंगलवार को बैठक कर सहकारिता विभाग की योजनाओं की समीक्षा की. बैठक में गोदाम व कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराने, सहकारी समितियों का गठन, राज्य फसल राहत योजना, लैंपसों को जन औषधि केंद्र के रूप में विकसित किये जाने तथा अन्य विभागीय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन पर चर्चा की तथा पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये. समीक्षा में जो बातें उभर कर सामने आयी, उसके मुताबिक बहरागोड़ा लैंपस का चयन जन औषधि केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए किया गया है तथा सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं.लैंपसों का कंप्यूटरीकरण भी किया जा रहा है, तत्पश्चात लैंपस संचालकों को उर्वरक लाइसेंस दिया जाना है. ऐसे 45 लैंपस चिह्नित किये गये हैं, जिन्हें उर्वरक लाइसेंस दिया जायेगा. जिला कृषि पदाधिकारी को प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया. जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि जिले में नेशनल को-ऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन इंडिया लिमिटेड से लैंपसों को संबद्ध करने का अभियान चलाया जा रहै है. वर्तमान में 47 लैंपसों ने रजिस्ट्रेशन की प्रकिया पूरी कर ली है. बैठक में पंचायत भवन में लैंपस को एक कमरा उपलब्ध कराने, प्रखंड मुख्यालय में फल-सब्जी विपणन के लिए रिटेल आउटलेट निर्माण के लिए जमीन की उपलब्धता, झारखंड राज्य फसल राहत योजना, संयुक्त सहकारिता भवन निर्माण के संबंध में चर्चा की गयी तथा संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को दिशा- निर्देश दिया गया. बैठक में जिला सहकारिता पदाधिकारी आशा टोप्पो, जिला कृषि पदाधिकारी दीपक कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ सुरेंद्र कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी अल्का पन्ना, सहायक निबंधक सहयोग समितियां तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.

100 मीट्रिक टन के लिए 63 तथा 500 मीट्रिक टन के लिए आठ गोदाम के निर्माण का लक्ष्य

पूर्वी सिंहभूम जिला को वित्तीय वर्ष 2024-25 में लैंपसों में 100 मीट्रिक टन के लिए 63 तथा 500 मीट्रिक टन के लिए आठ गोदाम के निर्माण का लक्ष्य है. वहीं पांच मीट्रिक टन के लिए कोल्ड रूम का भी निर्माण किया जाना है. उपायुक्त द्वारा जमीन की उपलब्धता के लिए अपर उपायुक्त एवं सभी अंचलाधिकारी को समन्वय स्थापित कर कार्य को प्रगति में लाने का निर्देश दिया गया.

मत्स्यजीवी सहयोग समिति एवं दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों के गठन का निर्देश

सभी प्रखंडों में ज्यादा से ज्यादा मत्स्यजीवी सहयोग समिति एवं दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों के गठन का निर्देश दिया गया, ताकि कृषकों एवं पशुपालकों को पारंपरिक खेती से अलग आय के दूसरे स्रोत का माध्यम उपलब्ध कराया जा सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें