अनुपम खेर ट्रैफिक जाम में फंसे, बाइक पर सवार होकर पहुंचे रेलवे स्टेशन, फिर भी छूटी ट्रेन
जमशेदपुर : फिल्म अभिनेता अनुपम खेर को सोमवार को फिल्म ‘कानू’ की शूटिंग के लिए जमशेदपुर पहुंचना था. पहुंचे भी. पर यह यात्रा किसी रोमांचक हिंदी फिल्म से कम नहीं रही. गुवाहाटी से कोलकाता विमान से पहुंचने के बाद करीब सात-साढ़े सात घंटे में वे ट्रैफिक जाम में फंसे, बाइक की यात्रा की, संतरागाछी स्टेशन […]
जमशेदपुर : फिल्म अभिनेता अनुपम खेर को सोमवार को फिल्म ‘कानू’ की शूटिंग के लिए जमशेदपुर पहुंचना था. पहुंचे भी. पर यह यात्रा किसी रोमांचक हिंदी फिल्म से कम नहीं रही.
गुवाहाटी से कोलकाता विमान से पहुंचने के बाद करीब सात-साढ़े सात घंटे में वे ट्रैफिक जाम में फंसे, बाइक की यात्रा की, संतरागाछी स्टेशन पर पटरी पार कर ट्रेन पकड़ने की कोशिश की, ट्रेन छूटी, फिर ट्रेन के लिए स्टेशन पर करीब तीन घंटे का इंतजार किया, दूसरी ट्रेन पकड़ी और पहुंच गये जमशेदपुर. उन्होंने इस यात्रा को किसी फिल्म के क्लाइमेक्स की तरह माना है. इस पूरे रोमांच को उन्होंने ना सिर्फ अपने फेसबुक एकाउंट पर तसवीरों और वीडियो के जरिये शेयर भी किया, बल्कि एक ऑनलाइन साइट के जरिये अपने प्रशंसकों के लाइव चैट का जवाब भी देते रहे.
कोलकाता पहुंचने के पहले अनुपम खेर गुवाहाटी में एक प्ले (नाटक) से लौट रहे थे. कोलकाता के दमदम एयरपोर्ट उतरने के बाद वे वहां से संतरागाछी रेलवे स्टेशन जाने के लिए निकले तो कार पर, लेकिन बीच में ट्रैफिक जाम के कारण उन्हें एक बाइक सवार से मदद लेनी पड़ी. हेवी ट्रैफिक जाम से जैसे-तैसे निकल कर वे बाइक से संतरागाछी स्टेशन पर पहुंचे. लेकिन उन्हें फिर भी आशंका थी कि उनकी ट्रेन छूट गयी है.
उन्हें संतरागाछी से शालीमार एलटीटी एक्सप्रेस पकड़ना था. वे संतरागाछी स्टेशन से जिस ओर पहुंचे, वहां प्लेटफॉर्म नंबर छह का इंट्री गेट था. बाइक सवार ने पता किया कि उनकी ट्रेन तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर आती है.
अब मुश्किल यह थी कि प्लेटफॉर्म नंबर छह से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए फुट ओवरब्रिज नहीं था, जिसके कारण अनुपम खेर को साथ वाले सज्जन ने सलाह दी कि वे बीच से ट्रैक पार कर जायें, उन्होंने कहा कि यह गलत है. फिर वे अन्य यात्रियों की तरह प्लेटफॉर्म के इंडिंग प्वाइंट तक गये और दो पटरियां पार कीं. एक पटरी पार करते हुए दूसरी ओर से लोकल ट्रेन भी पार होती रही.
इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें अपने डीडीएलजे फिल्म की याद आ गयी. पर उन्होंने कहा कि फिल्मों में सिचुएशन डिफरेंट होती है, अंत में ट्रेन पकड़ा ही जाती है, उन्होंने साथ वाले सज्जन से पूछा कि क्या लगता है पहुंच पायेंगे या नहीं. जवाब मिला-पता नहीं सर.
प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर पहुंचने के बाद वे फुट ओवरब्रिज पर गये और वहां से ट्रेन किस प्लेटफॉर्म पर आयेगी यह साथी पैसेंजर से पता करने लगे. इस बीच उन्होंने अपने प्रशंसकों से कहा कि शुक्र है उन्हें किसी ने पहचाना नहीं, वे टोपी पहने थे और अपना सिर थोड़ा नीचे किये चल रहे थे. किसी प्रशंसक ने पूछा कि गुवाहाटी में प्ले कैसा रहा, तो उन्होंने उसी अंदाज में जवाब दिया कि ट्रेन पकड़ लेता हूं तब जवाब देता हूं कि प्ले कैसा रहा.
पूछते-पूछते वे प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर उतरे, पर उन्हें छोड़ने आये बाइक चालक ने पता कर बताया कि ट्रेन चली गयी. अनुपम खेर ने प्रशंसकों से कहा- उनकी ट्रेन छूट गयी है, अब उन्हें कुछ और करना पड़ेगा. फिर उन्होंने तीन घंटे टाटा आनेवाली दूसरी ट्रेन स्टील एक्सप्रेस का इंतजार किया और शाम पौने छह बजे स्टील एक्सप्रेस से जमशेदपुर पहुंचे.
18 साल बाद ट्रेन का सफर किया : अनुपम
18 साल बाद ट्रेन का सफर किया. स्टील एक्सप्रेस ट्रेन के फर्स्ट क्लास कंपार्टमेंट से जमशेदपुर तक का सफर तय किया. कोलकाता में एयरपोर्ट से निकला तो गाड़ियों का जाम लगा हुआ था. एक बाइक वाले से लिफ्ट ली और स्टेशन पहुंचा. पहले तो हम दूसरे ट्रेन की ओर चले गये.
जब मालूम चला कि दूसरी ट्रेन में जाना है तो वहां किसी तरह दौड़ते हुए पहुंचे, लेकिन तब तक ट्रेन छूट गयी. इस सफर ने याद दिला दिया कि किस तरह रुमाल फेंक कर जगह छेंकने का काम हम लोग किया करते थे. परिवार के साथ की गयी लंबी रेल यात्राओं की भी यादें ताजा हो गयीं. मजा आ गया. रेल मंत्री को ट्वीट कर धन्यवाद दिया.
‘जिंदगी’ के लिए एक बेहतरीन सोच-
हर एक की सुनो और हर एक से सीखो,
क्योंकि, हर कोई सब कुछ नहीं जानता…
लेकिन, हर एक कुछ न कुछ जानता है.
(जमशेदपुर के लिए गुवाहाटी से रवाना होने के पूर्व अनुपम खेर ने फेसबुक पर यह लाइनें साझा की थीं. और इस यात्रा में उन्होंने यह अनुभव भी किया.)
कोलकाता में एक ट्रेन छूटने के बाद दूसरी ट्रेन स्टील एक्सप्रेस से जमशेदपुर पहुंचे.
फिल्म कानू में बंगाली कोच का रोल निभा रहे है अनुमप खेर
घाटशिला फुटबॉल क्लब पर आधारित फिल्म कानू की शूटिंग के लिए अभिनेता अनुपम खेर सोमवार को शहर पहुंचे. फिल्म कानू में अनुपम खेर एक बंगाली फुटबॉल कोच विश्वजीत सरकार का रोल अदा कर रहे हैं. जो निराश और अपने प्रयास के बाद हार मान चुके खिलाड़ी का मार्गदर्शन करते हैं. फिल्म की शूटिंग जमशेदपुर के जेआरडी, कीनन और टेल्को कल्ब में की जा रही है.
14 जनवरी से फिल्म कानू के सभी क्रू मेंबर शहर पहुंच चुके हैं. और फिल्म का क्लाइमेक्स भी फिल्माया जा चुका है. कानू में मुख्य भूमिका फिल्म के निर्देशक चाईबासा के प्रभात भट्टाचार्य निभा रहे हैं. साथ ही वह इस फिल्म के लेखक भी हैं. कानू फिल्म घाटशिला फुटबॉल क्लब (1975) पर आधारित है. इस क्लब की स्थापना फिल्म का मुख्य किरदार कानू के पिता करते हैं. लेकिन किसी कारण से कानू को यह क्लब छोड़ना पड़ता है.