टाटा मोटर्स को 111 करोड़ लौटाने से इनकार

जमशेदपुर: टाटा मोटर्स को 111 करोड़ रुपये लौटाने के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया है. अतिरिक्त आयुक्त सह सचिव ने इसकी फाइल लौटा दी है. उन्होंने कहा है कि इतनी राशि कतई नहीं लौटायी जा सकती है. इसलिए मामले में हुई कार्रवाई वापस लिया जाये. इसे लेकर करीब एक सप्ताह के मेहनत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2016 9:11 AM
जमशेदपुर: टाटा मोटर्स को 111 करोड़ रुपये लौटाने के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया है. अतिरिक्त आयुक्त सह सचिव ने इसकी फाइल लौटा दी है. उन्होंने कहा है कि इतनी राशि कतई नहीं लौटायी जा सकती है. इसलिए मामले में हुई कार्रवाई वापस लिया जाये. इसे लेकर करीब एक सप्ताह के मेहनत के बाद सौंपी गयी जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
कुछ राशि घटायी भी गयी : बताया जाता है कि तैयार रिपोर्ट में कई करोड़ रुपये की राशि घटा दी गयी थी. इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से उक्त रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया.
क्या है पूरा मामला
वैट कानून के तहत वर्ष 2006 से 2011 तक का आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) सरकार के पास टाटा मोटर्स का बकाया है. यह राशि 111 करोड़ रुपये तक पहुंच गयी है. वैट प्रावधान के तहत टाटा मोटर्स ने कच्चा माल खरीदने के वक्त जो टैक्स दिया था. उससे तैयार माल पर बने टैक्स घटाने पर टाटा मोटर्स का ही पैसा निकल गया. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि टाटा मोटर्स ने दो रुपये का कच्चा माल (उदाहरण स्वरुप) आदित्यपुर की कंपनियों से खरीदी. उस वक्त टाटा मोटर्स ने सौ रुपये (उदाहरण स्वरुप) टैक्स भुगतान किया. इसके बाद उक्त कच्चा माल से तैयार माल (गाड़ी) बिक्री करने पर भी टैक्स भुगतान किया. इस पर 50 रुपये कंपनी ने टैक्स दिया. वैट के प्रावधान के तहत किसी को एक ही प्वाइंट पर टैक्स देना होता है. कच्चा माल पर लगे टैक्स से तैयार हुए माल पर लगे टैक्स को मिलान करने के बाद उसे वापस कर दिया जाता है.
टाटा मोटर्स जा सकती है हाइकोर्ट
अब टाटा मोटर्स इस मामले में हाइकोर्ट में याचिका दायर कर सकती है. टाटा मोटर्स प्रबंधन की ओर से अब तक इसे लेकर कार्रवाई नहीं की गयी है. टाटा मोटर्स का मानना है कि नियम में संशोधन होने के पूर्व उक्त राशि बकाया है. सूद समेत सरकार को टाटा मोटर्स को यह पैसा लौटाना चाहिए, जो सरकारी नियम के अनुरूप है.

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