हेडिंग::: पौष प्रदोष व्रत कल

हेडिंग::: पौष प्रदोष व्रत कल (फोटो प्रदोष व्रत के नाम से सेव है)लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर प्रदोष व्रत हर माह में दो बार आता है, एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में. प्रत्येक प्रदोष व्रत का अपना अलग महत्व होता है. पौष शुक्ल त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ आगामी गुरुवार (21 जनवरी) को दिवा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2016 7:17 PM

हेडिंग::: पौष प्रदोष व्रत कल (फोटो प्रदोष व्रत के नाम से सेव है)लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर प्रदोष व्रत हर माह में दो बार आता है, एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में. प्रत्येक प्रदोष व्रत का अपना अलग महत्व होता है. पौष शुक्ल त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ आगामी गुरुवार (21 जनवरी) को दिवा 9ः09 बजे से हो रहा है, जो शुक्रवार (22 जनवरी) को प्रातः 7ः54 बजे तक रहेगी. चूंकि प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि हमें गुरुवार को ही प्राप्त हो रही है, इसलिए इसी दिन प्रदोष व्रत किया जायेगा. व्रती को इसके लिए प्रातः स्नानादि से निवृत्त होने के पश्चात अपने मनोरथ के अनुसार व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद संभव हो तो प्रातः काल में शिवालय जाकर भगवान शिव को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए. इसके बाद दिन भर उपवास रखते हुए सूर्यास्त से पूर्व (स्वास्थ्य साथ दे तो) पुनः स्नानादि से निवृत्त होकर शिवालय जाकर भगवान भोलेनाथ का षोड़षोपचार विधि से पूजा करनी चाहिए. इसमें आठों दिशाओं में दीपक प्रज्वलित करने की कोशिश करनी चाहिए तथा नैवेद्य के रूप में जौ अथवा गेहूं के आटे, घी, शक्कर आदि से बना पक्वान्न अवश्य अर्पित करना चाहिए. उसके बाद नंदीश्वर को भी दूब एवं जल अवश्य अर्पित करें तथा भगवान भोलेनाथ के साथ माता पार्वती की पूजा भी अवश्य करें.प्रदोष व्रत के पूजन का समय : संध्या 5ः25 से 6ः13 बजे तक. (व्रती को इस समय के मध्य पूजा आरंभ जरूर कर लेना चाहिए.)व्रत का पारण अगले दिन प्रातः 6ः30 बजे के बाद कभी भी किया जा सकता है.

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