हेल्थ बुलेटिन::::::सर्वाइकल कैंसर:::संपादितडॉ प्रेमलता, स्त्री रोग विशेषज्ञ-एडवांस स्टेज तक सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव भारत में सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरुकता की कमी के कारण यह जानलेवा साबित हो रहा है. इसे बच्चादानी, गर्भाशय व यूट्राइन सर्विक्स कैंसर भी कहा जाता है. सर्वाइकल कैंसर ह्युमन पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है. साथ ही यह मल्टीपल प्रेग्नेंसी के कारण, मल्टीपल सेक्सुअल पार्टनर बनाने के कारण भी हो सकता है. यह बीमारी ज्यादातर 40 साल से ऊपर उम्र की महिलाओं में होती है. बीमारी होने से मरीज को असामान्य रक्तस्राव होता है. ह्वाइट डिस्चार्ज होता है. शारीरिक संबंध कायम करने के दौरान रक्तस्राव होना बीमारी के प्रमुख लक्षणों में से एक है. ऐसे लक्षण दिखायी देने पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. मौजूदा समय में बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीनेशन भी उपलब्ध है. इसे शादी से पहले लगवा लेना चाहिए. बीमारी का पता पैप स्मीयर टेस्ट द्वारा समय रहते लगाया जा सकता है. एडवांस स्टेज तक इसका इलाज संभव है. बीमारी : सर्वाइकल कैंसर. लक्षण : असामान्य रक्तस्राव होना, ह्वाइट डिस्चार्ज होना, शारीरिक संबंध कायम करने के दौरान रक्तस्राव होना. बचाव : एचपीवी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन दें. पर्सनल हाईजीन मेनटेन रखें.
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हेल्थ बुलेटिन::::::सर्वाइकल कैंसर:::संपादित
हेल्थ बुलेटिन::::::सर्वाइकल कैंसर:::संपादितडॉ प्रेमलता, स्त्री रोग विशेषज्ञ-एडवांस स्टेज तक सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव भारत में सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरुकता की कमी के कारण यह जानलेवा साबित हो रहा है. इसे बच्चादानी, गर्भाशय व यूट्राइन सर्विक्स कैंसर भी कहा जाता है. सर्वाइकल कैंसर ह्युमन पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है. साथ ही यह […]
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