अाइटीसी में होगा बदलाव उद्योगों को मिलेगी राहत
जमशेदपुर : औद्योगिक इकाइयों के क्लोजर और मौजूदा आर्थिक संकट को देखते हुए आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के प्रावधान में बदलाव किया जा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार विशेषज्ञों से राय ले रही है, ताकि उसका लाभ राज्य सरकार के साथ छोटे उद्योग और व्यापार को मिल सके. उनके समक्ष कंपनियां या व्यवसाय चलाने […]
जमशेदपुर : औद्योगिक इकाइयों के क्लोजर और मौजूदा आर्थिक संकट को देखते हुए आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के प्रावधान में बदलाव किया जा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार विशेषज्ञों से राय ले रही है, ताकि उसका लाभ राज्य सरकार के साथ छोटे उद्योग और व्यापार को मिल सके. उनके समक्ष कंपनियां या व्यवसाय चलाने में दिक्कत नहीं हो. इसके लिए विचार-विमर्श चल रहा है. इस माह के अंत तक इसके लिए आदेश निर्गत हो जायेगा. इसमें कुछ संशोधन प्रस्तावित है.
नये प्रावधान को बदलने की जरुरत : एसिया
यह कानून झारखंड को नुकसान पहुंचाने वाला है. इसके कारण बड़े उद्योगों के साथ छोटे उद्योग और व्यापारियों को घाटा होगा. इसे तत्काल बदला जाना चाहिए. -इंदर अग्रवाल, अध्यक्ष, एसिया
सरकार पर पूरा भरोसा : चेंबर
कारोबारियों के लिए यह काला कानून है. इससे उद्योगों और उद्यमियों को नुकसान होगा. पूरा कारोबार चौपट हो जायेगा. इसे लेकर सरकार के स्तर पर बातचीत हुई है. सरकार इस पर गंभीरता से कदम उठायेगी. -सुरेश सोंथालिया, अध्यक्ष, सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स
क्या है अाइटीसी
वैट कानून के तहत कंपनियों से कच्चा माल खरीदने के वक्त लिया गया टैक्स और तैयार माल पर लिया गया टैक्स में अंतर राशि (दोनों को घटाने पर) सरकार लौटा देती है. वैट के प्रावधान के तहत किसी को एक ही प्वाइंट पर टैक्स देना होता है. एेसे में कच्चा माला व तैयार माल पर लिये गये टैक्स की अंतर राशि सरकार लौटाती है. इसे आइटीसी कहते हैं.
क्या हो रहा नुकसान
1. टाटा स्टील, टाटा मोटर्स समेत कई कंपनियां एंसीलियरी कंपनियों से टैक्स भुगतान के बाद कच्चा माल लेती है. वहीं टाटा स्टील व टाटा मोटर्स आइटीसी के तौर पर फाइनल माल तैयार होने के बाद सरकार से राशि लेती है. अब उन्हें पूरे वैट का 14 फीसदी टैक्स देना होगा, जबकि पहले यह राशि कम थी.
2. टाटा स्टील आयरन ओर का इस्तेमाल ही करती है. इसका इस्तेमाल स्टील बनाने में होता है. अगर कोयला समेत अन्य खनिज संपदा या लॉजिस्टिक पर खर्च होता है, तो उस पर आइटीसी नहीं मिलेगी.
3. टाटा मोटर्स, टाटा स्टील समेत बड़ी कंपनियां देखेगी कि यहां आइटीसी नहीं मिल रहा है, तो दूसरे राज्यों से कारोबार करेगी. इससे यहां के कारोबारियों को काम देना बंद हो जायेगा. इसका असर शुरू हो गया है.
4. स्पंज आयरन समेत कई कंपनियां (आदित्यपुर क्षेत्र की भी) आइटीसी लेकर दूसरे से माल खरीदती रही है, लेकिन अब यह संभव नहीं हो पायेगा.