जिला प्रशासन के अनुसार इसके पूर्व पहले टाटा स्टील से लाफार्ज सीमेंट को जमीन हस्तांतरण किया गया था, जिसे गलत करार दिया गया. क्योंकि टाटा स्टील व टाटा मोटर्स को उक्त जमीन लीज पर मिली थी. कंपनी ने सरकारी मंजूरी के बिना जमीन स्थानांतरण कर दिया था. इसके बदले टाटा स्टील की ओर से करीब 500 करोड़ रुपये लेने की बात सामने आयी है.
लाफार्ज को जिला प्रशासन ने पत्र भेजकर जमीन के हस्तांतरण संबंधित काम रोकने को कहा है. हस्तांतरण के पूर्व राज्य सरकार या जिला प्रशासन के साथ बातचीत कर इजाजत लेने को कहा गया है. दरअसल, टाटा स्टील को टाटा स्टील सीमेंट संचालित करने के लिए उक्त जमीन दी गयी थी, लेकिन उसे बाद में बेच दी गयी. इसके लिए कानूनी तौर पर कोई कदम नहीं उठाया गया था.