परंपरा से हट कर भी हो फिल्म निर्माण

जमशेदपुर: बॉलीवुड में जिस तरह परिवार, प्रेम कथा आदि पर आधारित फिल्मों का निर्माण होता है, उससे अलग हट कर भी फिल्म बनायी जा सकती हैं. इसके माध्यम से समाज और परिस्थियों को प्रदर्शित किया जा सकता है. यह बात फिल्म निर्देशक हिमांशु शेखर खटुआ ने कही. वह सेंटर फॉर एक्सीलेंस में सेंटर व सेल्यूलॉयड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2013 8:22 AM

जमशेदपुर: बॉलीवुड में जिस तरह परिवार, प्रेम कथा आदि पर आधारित फिल्मों का निर्माण होता है, उससे अलग हट कर भी फिल्म बनायी जा सकती हैं. इसके माध्यम से समाज और परिस्थियों को प्रदर्शित किया जा सकता है.

यह बात फिल्म निर्देशक हिमांशु शेखर खटुआ ने कही. वह सेंटर फॉर एक्सीलेंस में सेंटर व सेल्यूलॉयड चैप्टर द्वारा आयोजित जमशेदपुर फिल्म फेस्टिवल के दौरान मंगलवार को विचार-विमर्श सत्र में विद्यार्थियों से बात कर रहे थे. उन्होंने फेस्टिवल में प्रदर्शित अपनी फिल्म कथांतर को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया. 1999 में ओड़िशा में आये प्रलयंकारी तूफान में एक युवा विधवा की स्थिति पर आधारित इस फिल्म की चर्चा की. उन्होंने बताया कि इस तरह बॉलीवुड व हॉलीवुड से हट कर डाक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से सामाजिक व सामयिक मुद्दों को उठाया जा सकता है. युवा वर्ग ऐसे प्रयास से नया आयाम स्थापित कर सकता है.

सीएफइ में चार व एसएनटीआइ में छह फिल्मों का प्रदर्शन. भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष होने पर आयोजित जमशेदपुर फिल्म फेस्टिवल के तहत सेंटर फॉर एक्सीलेंस (सीएफइ) में चार और बिष्टुपुर स्थित एसएनटीआइ में छह फिल्मों का प्रदर्शन किया गया. सीएफइ में ओड़िशा में 1999 के तूफान (सूनामी) के पीड़ितों की स्थिति पर आधारित निर्देशक हिमांशु शेखर खटुआ की फिल्म ‘कथांतर’, युवा वर्ग की आर्थिक परेशानी पर आधारित बुद्धदेव दास गुप्ता की फिल्म ‘जानाला’, तुर्की में पांच कैदियों पर आधारित यिलमेज गुनी की फिल्म ‘योल (द रोड) और मैक्सिको की फिल्म ‘बास्टर्डस’ का प्रदर्शन किया गया. दूसरी ओर एसएनटीआइ में झारखंड विंडो के तहत पांच स्थानीय व एशियन विंडो के तहत ‘जानाला’ का प्रदर्शन किया गया. झारखंड विंडो में अभिषेक घोष चौधरी की फिल्म ‘द डबल’, शालिनी प्रसाद की फिल्म ‘ग्रीफ’, करीम सिटी कॉलेज के छात्र अजय कुमार की ‘क्रॉस रोड’, राजीव सिन्हा की ‘मेरा क्या कसूर’ और शालू महतो की ‘बुरा जो देखन मैं चला’ का प्रदर्शन किया गया.

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