शहर के कई बैंक नहीं लगाते आरटीआइ बोर्ड

जमशेदपुरः बैंक भी सूचना का अधिकार अधिनियम के अधीन आते हैं. वहां भी आरटीआइ के नियमों का पालन करना है, लेकिन जमशेदपुर में कुछ बैंकों को छोड़ दें तो अधिकांश में आरटीआइ के बोर्ड तक नहीं लगे हुए हैं. नियमानुसार कार्यालय के मुख्य स्थान पर बड़ा बोर्ड लगा कर सूचना के अधिकार के बारे में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:38 PM

जमशेदपुरः बैंक भी सूचना का अधिकार अधिनियम के अधीन आते हैं. वहां भी आरटीआइ के नियमों का पालन करना है, लेकिन जमशेदपुर में कुछ बैंकों को छोड़ दें तो अधिकांश में आरटीआइ के बोर्ड तक नहीं लगे हुए हैं.

नियमानुसार कार्यालय के मुख्य स्थान पर बड़ा बोर्ड लगा कर सूचना के अधिकार के बारे में लोगों को जागृत करना है. बोर्ड पर साफ लिखा होना चाहिए कि सूचना किससे मांगें, इसका शुल्क क्या है, नहीं मिलने पर किसको लिखें, अपील के लिए किस पदाधिकारी के साथ पत्राचार करें. ऐसा नहीं करने पर कोई भी सरकारी एजेंसी दंड की भागी होगी. बोर्ड नहीं लगाना भी कानूनी रूप से दंडनीय अपराध है.
सूचना पारदर्शिता
|ग्राहक ब्याज दर, एक समान शुल्क तथा प्रभारों की सूचना बैंक के संबंध में मांग सकते हैं.
|शाखाओं में नोटिस देखकर, हेल्पलाइन फोन से, वेबसाइट से, बैंक के विनिर्दिष्ट स्टाफ, सहायता डेस्क से पूछकर, सेवा गाइड, दर सूची देखकर.
सामान्य सूचना
|जिन उत्पादों तथा सेवाओं में ग्राहक को रुचि है, उनके बारे में मुख्य बातें बताते हुए साफ सूचना देकर जिनमें लागू ब्याज दरों, शुल्कों तथा प्रभार संबंधी सूचना भी शामिल है.
|बैंक जो उत्पाद सेवाएं दे रहे हैं तथा जो ग्राहक की आवश्यकतानुसार हो सकती है, उनके बारे में सूचना देकर.
|बैंक यदि एक से अधिक उत्पाद एवं सेवाएं दे रहे हैं (उदाहरण : एटीएम, इंटरनेट, फोन पर, शाखाओं से) तथा ग्राहक को यह बताकर कि वे उनके बारे में किस तरह अधिक से अधिक जानकारियां हासिल कर सकते हैं.
|कानूनी, विनियामक तथा आंतरिक नीतिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ग्राहक की पहचान तथा पते के बारे में विस्तृत.
|बैंक ग्राहकों को अपने अधिकारों तथा उत्तरदायित्व विशेषकर सभी जमा खातों, सुरक्षित अभिरक्षा, में रखी वस्तुओं तथा सुरक्षित जमा तिजोरियों के बारे में नामांकन की सुविधा के बारे में सूचना देंगे.

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