टाटा स्टील ने पेटेंट करने के लिए केंद्र सरकार के पास भेजी आरएंडडी तकनीक, आयरन स्लैग से भी हाे सकेगी खेती

जमशेदपुर. टाटा स्टील के स्लैग से भी अब खेती भी संभव हो सकेगी. एलडी स्लैग के बेहतर इस्तेमाल के उद्देश्य से टाटा स्टील के रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग (आरएंडडी) ने इस नयी तकनीकी को खोजा है. इसके लिए आयरन स्लैग के कैरेक्टराइजेशन का काम पूरा कर लिया गया है, ताकि नये सिरे से इसकी डंपिंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2016 2:14 AM
जमशेदपुर. टाटा स्टील के स्लैग से भी अब खेती भी संभव हो सकेगी. एलडी स्लैग के बेहतर इस्तेमाल के उद्देश्य से टाटा स्टील के रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग (आरएंडडी) ने इस नयी तकनीकी को खोजा है. इसके लिए आयरन स्लैग के कैरेक्टराइजेशन का काम पूरा कर लिया गया है, ताकि नये सिरे से इसकी डंपिंग कर खेती की जा सके. बताया जाता है कि मिट्टी के साथ इसका मिश्रण तैयार करने के बाद यह स्लैग यूरिया का काम करता है.
इसके लिए केंद्र सरकार के पास आरएंडडी की तकनीकी को भेजा गया है, ताकि टाटा स्टील इसे पेटेंट करा सके. टाटा स्टील के आरएंडडी विभाग में इसे मान्यता भी मिल चुकी है और इसके लिए हर स्तर पर आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं.
2020 तक सारा स्लैग हो सकेगा रीयूज
वर्ष 2020 तक टाटा स्टील के सारे स्लैग को रीयूज करने के लक्ष्य को लेकर आरएंडडी विभाग लगातार शोध कर रहा है. स्टील उत्पादन के बाद बचने वाले स्लैग का निष्पादन ठीक तरीके से हो और मानव समाज पर भी इसका प्रतिकूल असर न पड़े, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है.
आयरन स्लैग का अब तक क्या-क्या हुआ इस्तेमाल
1. सीमेंट कंपनियाें द्वारा सीमेंट बनाने में.
2. सड़क के एक्सटेंशन वर्क में
3. पेवर्स ब्लॉक के जरिये
4. ईंट को नये सिरे से तैयार करने में

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