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बैंक घोटाला: मानगो-गोलमुरी व रामगढ़ में सीबीआइ की कार्रवाई, 32करोड़ के घोटाले में छापा

जमशेदपुर/रांची: सीबीआइ की आर्थिक अपराध शाखा ने 32.75 करोड़ के बैंक घोटाले में जमशेदपुर और रामगढ़ में छापा मारा. छापामारी के दौरान गड़बड़ी से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये हैं. इस मामले में शुक्रवार को गोलमुरी निवासी शाहबाज खान और मानगो आजादनगर निवासी शाहिद खान के ठिकानों पर छापामारी की गयी है. इस बैंक घोटाले […]

जमशेदपुर/रांची: सीबीआइ की आर्थिक अपराध शाखा ने 32.75 करोड़ के बैंक घोटाले में जमशेदपुर और रामगढ़ में छापा मारा. छापामारी के दौरान गड़बड़ी से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये हैं. इस मामले में शुक्रवार को गोलमुरी निवासी शाहबाज खान और मानगो आजादनगर निवासी शाहिद खान के ठिकानों पर छापामारी की गयी है. इस बैंक घोटाले में सीबीआइ ने कुल चार प्राथमिकी दर्ज की है और कंपनी व उससे जुड़े लोगों को अभियुक्त बनाया है.
सीबीआइ ने रामगढ़ के मेसर्स टीआरएल और मेसर्स एके इंजीनियरिंग में छापामारी की. एक ही साथ मानगो व गोलमुरी में मेसर्स एमके इंजीनियरिंग और मेसर्स टेमकॉन से जुड़े हुए लोगों के ठिकानों पर छापा मारा. इन कंपनियों व उससे जुड़े लोगों ने जालसाजी कर बैंक से 32.75 करोड़ की कैश क्रेडिट सुविधा ली थी.
पंजाब नेशनल बैंक व यूको बैंक से हुई फरजी निकासी. पंजाब नेशनल बैंक से 13.75 करोड़ और यूको बैंक से 19 करोड़ की जालसाजी की गयी थी. बैंक घोटाले को अंजाम देने के लिए एक कंपनी के लोग दूसरी कंपनी में गारंटर बने और गिरवी के रूप में फर्जी दस्तावेज जमा कराये. साथ ही उसके मूल्य में भी छेड़छाड़ किया. जांच में पाया गया कि एमके इंजीनियरिंग के पार्टनर शाहिद खान और जावेद खान है. पंजाब नेशनल बैंक (बिष्टुपुर) से मेसर्स एमटीआरएल को कैश क्रेडिट सुविधा दिलाने के लिए शाहिद खान गारंटर बना. इसी तरह एमटीआरएल के पार्टनर सेराज खान और एजाज खान यूको बैंक (मेन ब्रांच जमशेदपुर) में मेसर्स एमके इंजीनियरिंग को कैश क्रेडिट सुविधा दिलाने के लिए गारंटर बने. एमके इंजीनियरिंग ने फर्जी दस्तावेज में भी जालसाजी की और दो लाख मूल्य के दस्तावेज का मूल्य दो करोड़ कर दिया. इसी तरह मेसर्स एमटीआरएल ने तीन लाख के दस्तावेज के मूल्य को तीन करोड़ कर दिया.
हवाई जहाज का ऑपरेटर भी बन गया था शाहदाब. बैंक लोन घोटाला के आरोपी शाहदाब खान ने कई माह तक सोनारी एयरपोर्ट से कोलकाता व दिल्ली का हवाई जहाज की सेवा भी संचालित की थी. कई लोगों को लाना व ले जाना भी किया था, लेकिन बाद में यह सेवा बंद हो गयी.
लगान रशीद व शुद्धि पत्र भी फरजी
सीबीआइ ने जब जांच की, तो पाया कि यूको बैंक के जमशेदपुर स्थित मुख्य शाखा से जो जमीन का शुद्धि पत्र और लगान रशीद जमा की गयी थी, वह पूरी तरह से फरजी है. इसको लेकर जमशेदपुर अंचल कार्यालय से भी तफ्तीश की गयी, तो वह दस्तावेज वहां का नहीं है, यह प्रमाणित हुआ. जमशेदपुर के रजिस्ट्री विभाग में पहुंचकर इस टीम ने अधिकारी से मिलकर मांग की कि इस जमीन से जुड़े तमाम दस्तावेज सीबीआइ ने हासिल किये. उसमें भी फरजीवाड़ा की बात सामने आयी है.
सरकारी व आदिवासी जमीन के नाम पर लिया लोन
इन जमीन के नाम और रजिस्ट्री डीड के बदौलत लिया गया लोन
डीड सं. कब की रजिस्ट्री क्षेत्र
3107 06 मई 1987 कुल 0.34.600 हेक्टेयर, खाता सं. 66, प्लॉट नं. 1123, थाना नं. 1643, मानगो थाना मौजा डिमना
3400 10 जुलाई 2004 कुल क्षेत्र 26 कट्ठा, खाता सं. 1249, प्लॉट सं. 709, थाना नं. 1641, मानगो, मौजा पारडीह
3624 11 जुलाई 1985 कुल क्षेत्र 0.25.400 हेक्टेयर, खाता नं. 528, प्लॉट नं. 1131, थाना नं. 1643, मानगो,
मौजा डिमना
सीबीआइ ने इसको लेकर केस संख्या आरसी 093201550008 दर्ज कर लिया है और सारे संबंधित पक्षों को नोटिस भेजकर दस्तावेजों की जांच कर रही है. यूको बैंक के बिष्टुपुर स्थित मुख्य शाखा से शहदाब खान के नाम पर 15 करोड़ 18 लाख 37 हजार 733 रुपये का लोन पास किया गया और उसकी राशि का भी भुगतान कर दिया गया. लोन लेने के बाद से शहदाब खान फरार हो गया है और उक्त राशि की रिकवरी भी नहीं हो पा रही है. इसके बाद यूको बैंक के रांची स्थित अंचल कार्यालय ने जांच की और पाया कि जिस जमीन के बदले यह लोन दिया गया था, वह सरकारी जमीन है और कुछ हिस्सा आदिवासी जमीन है, जिसके बदले इतनी राशि का लोन नहीं हो सकता है. इसके बाद बैंक के अंचल कार्यालय ने इसको सीबीआइ की अपराध शाखा में केस दायर कर मामले की जांच करने के लिए आवेदन दिया, जिसके आधार पर जांच शुरू कर दी गयी.

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