टाटा ग्रुप की पहली अप्रेजल रिपोर्ट सामने आयी

जमशेदपुर : टाटा ग्रुप का 112 साल पुरानी पहली अप्रेजल रिपोर्ट सामने आयी है. इसे ग्रुप ने पहली बार अपने अधिकारियों व कर्मचारियों से साझा की है. पूरे ग्रुप की यह पहली अप्रेजल रिपोर्ट है, जिसमें अधिकारियों के नाम के साथ उनके काम और उनकी स्थितियों के बारे में जानकारी दी गयी है, जिसके आधार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2016 8:02 AM
जमशेदपुर : टाटा ग्रुप का 112 साल पुरानी पहली अप्रेजल रिपोर्ट सामने आयी है. इसे ग्रुप ने पहली बार अपने अधिकारियों व कर्मचारियों से साझा की है. पूरे ग्रुप की यह पहली अप्रेजल रिपोर्ट है, जिसमें अधिकारियों के नाम के साथ उनके काम और उनकी स्थितियों के बारे में जानकारी दी गयी है, जिसके आधार पर अधिकारियों या कर्मचारियों का सालाना इंक्रीमेंट तय किया गया था.
यह रिपोर्ट वर्ष 1904 में शापुरजी सकलतवाला ने तैयार की थी, जो टाटा सन्स के संस्थापक जमशेदजी नसरवानजी टाटा की बहन जिराबाई सकलतवाला के बेटे थे. उन्होंने छत्तीसगढ़ के बालोद जिला स्थित धाल्ली-राजहारा अायरन ओर माइंस के काम को देखते हुए यह रिपोर्ट बनायी. उनकी मदद खुद शापुरजी सकलतवाला ने की थी. उन्होंने वहां के कोयला व आयरन ओर माइंस को दुरुस्त करने में टाटा ग्रुप की मदद की थी और उसके सारे कामकाज को देखा था और कहा था कि टाटा स्टील की स्थापना के लिए यहां पर्याप्त आयरन ओर है. जमशेदजी टाटा के निधन के बाद उनके पुत्र सर दोराबजी टाटा और चार्ल्स पेज पेरिन ने साकची क्षेत्र का दौरा किया था और टाटा स्टील की स्थापना की थी.
कौन हैंे शापुरजी सकलतवाला
पहली अप्रेजल रिपोर्ट तैयार करने वाले शापुरजी सकलतवाला ब्रिटिश नागरिक थे और इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी के मैनचेस्टर से राजनीतिज्ञ भीं थे. वे टाटा ग्रुप से आयरन ओर व माइंस की खोज में भी जुड़े थे. रुस की नवंबर 1917 की क्रांति के जनक के तौर पर भी शकलतवाला को जाना जाता है.
पेन से लिखी गयी थी अप्रेजल रिपोर्ट कई लोगों का ट्रांसफर भी लिखा गया
भले ही कंप्यूटर, टाइपिंग की अब व्यवस्था हो, लेकिन टाटा ग्रुप की पहली अप्रेजल रिपोर्ट को पेन से ही तैयार की गयी थी, जिसमें कई अधिकारियों व कर्मचारियों के काम को असंतोषजनक बताया गया था, जबकि कई लोगों को कपड़ा मिल तक ट्रांसफर करने को कहा गया था.

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