28.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लेटेस्ट वीडियो

अखबार की कतरने बटोर रहे नानाजी

Advertisement

जमशेदपुर : पूरा जमशेदपुर प्रत्युषा बनर्जी (बालिका वधू) की मौत से अभी भी सदमे में है. टाटानगर स्टेशन के पास जुगसलाई में प्रत्युषा का ननिहाल है. अंधेरे कमरे में वुडेन चेयर पर बैठे प्रत्युषा बनर्जी के 75 वर्षीय नाना प्रभात कुमार मुखर्जी प्रभात खबर में प्रत्युषा बनर्जी से संबंधित प्रकाशित खबरों की कटिंग काट रहे […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

Advertisement

जमशेदपुर : पूरा जमशेदपुर प्रत्युषा बनर्जी (बालिका वधू) की मौत से अभी भी सदमे में है. टाटानगर स्टेशन के पास जुगसलाई में प्रत्युषा का ननिहाल है. अंधेरे कमरे में वुडेन चेयर पर बैठे प्रत्युषा बनर्जी के 75 वर्षीय नाना प्रभात कुमार मुखर्जी प्रभात खबर में प्रत्युषा बनर्जी से संबंधित प्रकाशित खबरों की कटिंग काट रहे थे. यह उनकी पुरानी आदत है.

बचपन से ही प्रतिभावान प्रत्युषा के स्कूली दिनों से ही जब कभी भी उसकी कोई तसवीर या खबर अखबारों में छपती है वे उसे काटकर सहेज लेते हैं. ऐसे न जाने कितनी क्लीपिंग उनके पास है. जब हम पहुंचे तो वे हमारा परिचय पाकर इतने भावुक हो उठे कि आंसूओं को रोक नहीं पाये. अपनी नतिनी से बेपनाह स्नेह करनेवाले नाना की नम आंखें सबकुछ बयां कर रही थीं. उन्होंने अपनी एक पुरानी डायरी चुपचाप हमारी तरफ बढ़ा दी.

उसमें प्रभात खबर समेत बांग्ला व अन्य अखबारों में छपी प्रत्युषा की अब तक की सभी रिपोर्ट्स की कटिंग्स हैं. थोड़ा संभलने के बाद उन्होंने कहा कि प्रत्युषा कभी सुसाइड कर ही नहीं सकती.

मुंबई जाना गलत फैसला था
मैं कभी इस पक्षधर में नहीं रहा कि प्रत्युषा इंडस्ट्री में जाये. मैंने उसे रोकना तो चाहा था लेकिन कर ना पाया. प्रत्युषा ने गलत ब्वॉय फ्रेंड का भी चुनाव किया. प्रत्युषा को कई बार मैंने समझाने की कोशिश की कि कोलकात्ता में काम करो. कोलकात्ता हमारे शहर के पास भी है. बांग्ला इंडस्ट्री में शांति भी है. लेकिन बॉलीवुड से बांग्ला सिनेमा में आने का कदम प्रत्युषा ना उठा सकी व मुंबई की चकाचौंध में खो गयी.
एक बार में डायलॉग याद हो जाता था उसे
मेरी चार बेटियां है जिसमें सोमा (प्रत्युषा की मां) सबसे बड़ी है व काफी तेज भी. यह स्वभाव प्रत्युषा में भी झलकता था. प्रत्युषा को बचपन से ही अभिनय से काफी ज्यादा लगाव था. एक बार वह जो डायलॉग सुन लेती थी याद हो जाता था उसे. घर में ही सबको सुनाया करती थी. प्रत्युषा का नाम मेरे ही नाम पर पड़ा था. यह मैंने ही सुझाया था. प्रत्युषा की जाने की खबर सुन कर मेरी पत्नी छवि मुखर्जी भी आहत है. मेरा पूरा परिवार सभी काफी दुख हैं.
दुख से उबरने की कोशिश में लगा परिवार
प्रत्युषा के मामा के एस मुखर्जी जुगसलाई स्थित आवास के नीचे पान की दुकान लगाते हैं. प्रत्युषा के गुजर जाने की खबर के बाद से यह भी काफी सदमे में है. सदमे से उबरने के लिए दुकान खोली व अपने काम में जुट गये हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement

अन्य खबरें

Advertisement
Advertisement
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels