जमशेदपुर: जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह के निर्देशानुसार उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल ने जिले के 18 कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) पर बैठक की.
बैठक में वित्तीय वर्ष 2012-13 में सीएसआर में खर्च की राशि एवं योजनाओं का भौतिक व वित्तीय रिपोर्ट लेकर आने कहा गया था, लेकिन कोई भी कंपनी के प्रतिनिधि लिखित रिपोर्ट लेकर नहीं आये. इस पर उपायुक्त ने नाराजगी जतायी और तीन दिनों में विस्तृत रिपोर्ट भेजने कहा. बैठक में कंपनियों के प्रतिनिधियों ने मौखिक रूप से सीएसआर में खर्च की गयी राशि की जानकारी दी. बैठक में उपायुक्त ने अधिकांश कंपनियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों विशेष कर घाटशिला अनुमंडल के सुदुरवर्ती क्षेत्रों की उपेक्षा करने पर सवाल उठाते हुए सीएसआर के तहत इन क्षेत्रों में काम करने से अच्छा प्रभाव पड़ने और कम असंतोष होने की बात कही गयी.
बैठक में उपस्थित कंपनियों के प्रतिनिधि. हिंदुस्तान कॉपर लि., यूसील, टाटा पावर, टाटा पिगमेंट, टीआरएफ, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, डीएसपीडीएल, स्टील स्ट्रीप व्हील्स, आइएसडब्ल्यूपी, टिनप्लेट समेत 18 कंपनियों के प्रतिनिधि.
क्यों की गयी बैठक. जिला योजना समिति की 6 नवंबर की बैठक में जिला पार्षदों ने प्रभारी मंत्री राजेंद्र सिंह के समक्ष यह बात रखी थी कि कंपनियों द्वारा सामाजिक दायित्व का निर्वाहन सही ढंग से नहीं किया जा रहा है. प्रभारी मंत्री ने उपायुक्त को जिले की कंपनियों के साथ बैठक कर सीएसआर की जानकारी लेने का निर्देश दिया था.
प्रशासन का सीधे हस्तक्षेप नहीं. बैठक में यह बात सामने आयी कि सीएसआर एक्ट अभी नहीं बना है,जिसके कारण सीएसआर की राशि खर्च करने पर प्रशासन सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. केंद्र सरकार द्वारा बिल पास किया गया है कि कंपनियों को टर्न ओवर का 2 प्रतिशत सीएसआर में खर्च करना है. एक्ट बनने के बाद यह प्रभावी हो जायेगा.