जमशेदपुर: ‘लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.’ हरिवंश राय बच्चन की कविता राजनगर के ईटापुकुर गांव के लखन टुडू (33) को हमेशा से प्रेरित करती रही है.
कृषक परिवार में जन्मे लखन ने गरीबी के बावजूद अपना जोश कम नहीं होने दिया तथा दृढ़ इच्छाशक्ति के बदौलत सफलता पायी.
सफलता भी ऐसी कि खुद तो सफल हुए ही, अपने साथ 40 अन्य युवाओं की राह भी आसान बना दी. वर्तमान में वे बोकारो के तुपकाडीह में एसबीआइ के सहायक शाखा प्रबंधक हैं. उन्होंने यह साबित कर दिखाया कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिभाओं की कमी नहीं है. उन्हें भी निखारा जाय तो वे समाज व देश का नाम रौशन कर सकते हैं.