चाईबासा: कोल्हान में पानी के लिए मचे हाहाकार के बीच सोमवार को कोल्हान आयुक्त सभागार में प्रमंडलीय समीक्षा बैठक हुई. लेकिन, इस बैठक का भी नतीजा ढाक के तीन पात वाला ही रहा. न तो चापानलों की मरम्मत के कार्य को तेज करने की कोई ठोस योजना बनी, न ही लोगों तक पानी पहुंचाने की वैकल्पिक व्यवस्था बनी. अलबत्ता आयुक्त ने तीनों जिलों के उपायुक्तों को गंभीर पेजयल संकट वाले इलाकों की पहचान करने व 15 दिन में जलसंकट दूर करने का निर्देश जरूर िदया.
पश्चिमी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां जिले में चापानलों की मरम्मत का ब्योरा प्रस्तुत किया गया, अलबत्ता पूर्वी सिंहभूम ने जलापूर्ति संकट को दूर करने के लिए एक रोडमैप आयुक्त के समक्ष पेश किया, जिसे स्वीकृति भी मिल गयी. उधर, चिड़िया जलापूर्ति योजना जिससे लोगों ने काफी उम्मीद बांध रखी थी, वह भी अब गरमी बाद शुरू होगी. कोल्हान आयुक्त अरुण ने कोल्हान में जलापूर्ति संकट से निपटने के लिए सोमवार को तीनों जिलों के उपायुक्तों व अन्य अधिकारियों की बैठक बुलायी थी. इसमें जलापूर्ति दुरुस्त करने पर बातचीत शुरू हुई.
पश्चिमी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां जिले से जल संकट से निबटने के लिए कोई विशेष प्लान नहीं बनाया गया था. इन दोनों जिले के डीसी ने पेयजल संकट से निबटने के लिए की जा रही सरकारी पहल की आयुक्त को जानकारी दी.
बताया कि खराब चापाकलों की मरम्मत के लिए हर प्रखंड में वाहन पर मरम्मत गैंग रवाना किया गया है. मरम्मत गैंग का मोबाइल नंबर सार्वजनिक किया गया है. चापाकल खराब होने की सूचना प्राप्त करने के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है. जलसंकट वाले इलाकों पर ध्यान केंद्रित कर राहत पहुंचाने का निर्देश आयुक्त ने तीनों जिलों के उपायुक्तों को दिया है.