रद्दी में गए शहरवासियों के 3 अरब 26 करोड़ रुपए के नोट
जमशेदपुर: शहरवासियों ने करीब 3 अरब 26 करोड़ रुपये के नोट को बरबाद कर दिया. इन सारे नोटों को नये सिरे से रद्दी नोटों की श्रेणी में रखने के बाद उन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भेज दिया है. 2005 के सारे नोट को वापस लिये गये है. रिजर्व बैंक के पास सारे नियमों का पालन […]
जमशेदपुर: शहरवासियों ने करीब 3 अरब 26 करोड़ रुपये के नोट को बरबाद कर दिया. इन सारे नोटों को नये सिरे से रद्दी नोटों की श्रेणी में रखने के बाद उन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भेज दिया है.
2005 के सारे नोट को वापस लिये गये है. रिजर्व बैंक के पास सारे नियमों का पालन करने के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआइ) और बैंक ऑफ इंडिया (बीओआइ) ने अपनी तिजोरी (चेस्ट से) से इन रुपयों को कड़ी सुरक्षा के बीच भेज दिया है. इन रुपयों को छांटने में कई कर्मचारी तैनात थे. इस दौरान सारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रुपयों को भेज दिया गया. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 190 करोड़ रुपये के फटे और रद्दी नोटों को भेजा है, जबकि बैंक ऑफ इंडिया ने 36.21 करोड़ रुपये रद्दी होने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भेजा है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया में ही शहर में चेस्ट है, जहां रुपयों को सुरक्षित रखा जाता है. इन सारे रुपयों को सुरक्षित रखने के बावजूद पब्लिक के पास रुपये जाने के बाद यह धीरे-धीरे नष्ट होता जाता है.
रिजर्व बैंक मशीन के जरिये करता है नोटों को नष्ट : रिजर्व बैंक मशीन के जरिये ही नोटों को नष्ट करता है. इस दौरान इस बात का पूरा ख्याल रखा जाता है कि कहीं से भी नोटों का गलत इस्तेमाल नहीं कर लिया जाये. इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अलग से गाइडलाइन भी है.
पुराने नोटों को हम लोगों ने नष्ट करने के लिए रिजर्व बैंक को भेज दिया है. करीब 190 करोड़ रु. के नोटों को हम लोगों ने भेजा है. आरबीआइ को ही इसे नष्ट करने का पूरा अधिकार है.
आरके वर्मा, एजीएम, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया