जांच में स्कूल दोषी : डीएसइ
जमशेदपुर : राजेंद्र विद्यालय में 11वीं में 24 बच्चों को फेल किये जाने का मामला मुख्यमंत्री के जनसंवाद में पहुंचा. मुख्यमंत्री ने इस मामले में जांच कर उचित कार्रवाई का आदेश दिया. इसके लिए जिला शिक्षा अधीक्षक को जांच अधिकारी बनाया गया. जिला शिक्षा अधीक्षक ने स्कूल के प्रिंसिपल को सुबह 11 बजे कार्यालय में […]
जमशेदपुर : राजेंद्र विद्यालय में 11वीं में 24 बच्चों को फेल किये जाने का मामला मुख्यमंत्री के जनसंवाद में पहुंचा. मुख्यमंत्री ने इस मामले में जांच कर उचित कार्रवाई का आदेश दिया. इसके लिए जिला शिक्षा अधीक्षक को जांच अधिकारी बनाया गया. जिला शिक्षा अधीक्षक ने स्कूल के प्रिंसिपल को सुबह 11 बजे कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया था, लेकिन प्रिंसिपल नहीं पहुंचे. उन्होंने स्कूल के एक कर्मचारी को कुछ कागजात के साथ जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय भेज दिया.
इसे जिला शिक्षा अधीक्षक ने जांच में सहयोगात्मक रवैया नहीं अपनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत मिली है कि वे स्कूल 9वीं अौर 11वीं के बच्चों को 5-7 अंकों से फेल कर देते हैं अौर उनके स्थान पर बाहरी बच्चों का दाखिला ले लेते हैं. पिछले कुछ वर्षों से ऐसा किया जा रहा है.
इसके साथ ही जनसंवाद में शिकायत की गयी कि स्कूल के शिक्षक आइसीएसइ अौर आइएससी की कॉपी की जांच में डेढ़ महीने तक व्यस्त रहते हैं. उनके स्थान पर पार्ट टाइमर टीचर से काम चलाया जाता है, लेकिन जब रेगुलर टीचर स्कूल पहुंचते हैं, तो वे जल्दी-जल्दी सिर्फ कोर्स को खत्म करा देते हैं अौर इसके तत्काल बाद परीक्षा होती है. पूरे मामले की जांच डीएसइ इंद्र भूषण सिंह ने की. उन्होंने कहा कि जांच के उपरांत प्रथम दृष्टया अभिभावक की शिकायत सही पायी गयी है. इसके साथ ही प्रिंसिपल को जब अपना पक्ष रखने को कहा गया था, तो वे स्वयं उपस्थित होने की जगह अपने कर्मचारी को भेजते हैं. इसे लेकर नोटिस भी स्कूल प्रबंधन को जारी किया गया है, जिसमें बुधवार को उपस्थित होने को कहा गया है.
अभिभावकों की शिकायत के आलोक में जांच करने के बाद प्रथम दृष्टया पाया गया कि स्कूल पर लगाये गये आरोप में सच्चाई है. स्कूल के प्रिंसिपल को बुलाया गया था, वे नहीं पहुंचे अौर अपने एक कर्मचारी को भेज दिया. यह सहयोगात्मक रवैया नहीं है.
इंद्र भूषण सिंह, डीएसइ, पूर्वी सिंहभूम
विभाग की अोर से एक पत्र मिला था. आने को कहा गया था, लेकिन स्कूल में आइसीएसइ के मूल्यांकन के कॉपियों को भेजा जा रहा था, जिसमें प्रिंसिपल को रहना आवश्यक होता है, इसी कारण से मैं नहीं जा सका.
पीवी सहाय, प्रिंसिपल, राजेंद्र विद्यालय